नशे की वजह से भड़की दुल्हन स्टेज से लौटी, बिन ब्याह लौटे बराती

टीम भारत दीप |
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लोग तब हतप्रभ रह गए जब दूल्हे को शराब के नशे में स्टेज पर लहराते देख दुल्हन ने वरमाला डालने से मना कर दिया।
लोग तब हतप्रभ रह गए जब दूल्हे को शराब के नशे में स्टेज पर लहराते देख दुल्हन ने वरमाला डालने से मना कर दिया।

दुल्हन पक्ष ने दूल्हे पक्ष से शादी में की तैयारी में खर्च हुए रुपये को वापस मांगा, दूल्हे पक्ष के लोग बोले, हमारे पास पैसा नहीं है तो दुल्हन पक्ष ने कहा कि जो भी गहने और कपड़े लाए है वह छोड़ दो जाने देंगे।दूल्हे पक्ष के लोग जब यह शर्त मानने को तैयार हो गए तो दूल्हे और बरातियों को मुक्त कर दिया गया।

जौनपुर।शराब पीकर स्टेज पर बैठना दूल्ह को महंगा पड़ गया। दुल्हन ने जब दूल्हे को नशे में देखा तो वह स्टेज से उतरकर चली गई।

यह देख घराती-बरातियों का चेहरा उतर गया। दुल्हन का सख्त व्यवहार देख दूल्हे का नशा छू मंतर हो गया। यह मामला जौनपुर जिले का हैं। दरअसल जयमाल के वक्त दूल्हे को नशे की हालत में देख दुल्हन ने वरमाला पहनाने और सात फेरे लेने से मना कर दिया। काफी मानमनौवल के बाद भी दुल्हन राजी नहीं हुई।

घरातियों ने दूल्हे के सगे-संबंधियों को बंधक बना लिया।दुल्हन पक्ष ने दूल्हे पक्ष से शादी में की तैयारी में खर्च हुए रुपये को वापस मांगा, दूल्हे पक्ष के लोग बोले, हमारे पास पैसा नहीं है तो दुल्हन पक्ष ने कहा कि जो भी गहने और कपड़े लाए है वह छोड़ दो जाने देंगे।दूल्हे पक्ष के लोग जब यह शर्त मानने को तैयार हो गए तो दूल्हे और बरातियों को मुक्त कर दिया गया।

इस तरह बिना दुल्हन के बरात लौट गई। जौनपुर के रायपुर दुर्गा देवी गांव की घटना चर्चा का विषय बन गई है। उक्त गांव के महेंद्र कुमार कश्यप की पुत्री की शादी जिले के ही सीतम सराय (बिड़ौरी) गांव के मानिक चंद्र कश्यप के बेटे से तय हुई थी।

शुक्रवार को निर्धारित तिथि पर धूमधाम से बरात आई। कन्या पक्ष ने बरातियों की आवभगत की। रात नौ बजे के करीब द्वारचार की रस्म पूरी हुई। बराती भोजन करने लगे। उधर, स्टेज पर जयमाल के लिए दूल्हा-दुल्हन पहुंच गए। लोग तब हतप्रभ रह गए जब दूल्हे को शराब के नशे में स्टेज पर लहराते देख दुल्हन ने वरमाला डालने से मना कर दिया।

दोनों पक्ष के लोग दुल्हन को मनाने लगे ले​किन वह नहीं मानी। विवाद बढने पर मौके पर पुलिस भी आ गई। वर पक्ष के लोग हर्जाने के तौर पर साथ लाए गए आभूषण छोड़कर जाने को राजी हो गए। तब कन्या पक्ष ने बंधक बनाए गए बरातियों को छोड़कर छोड़ दिया। 


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