नकली नोट देख अफसर भी हैरान, गांधी जी के चित्र से पकड़ में आया फर्जीवड़ा
एसटीएफ एक बार तो नोटों को देखकर धोखा खा गई। उन्हें लगा कि गलत आदमी को पकड़ लिया। यह नोट तो असली हैं। कागज की क्वालिटी, नोट के अंदर तार भी है, लेकिन जब नोट को लाइट के सामने रखकर देखा गयाए तो महात्मा गांधी भी नजर आए, लेकिन गांधीजी के चेहरे की दिशा अलग थी। बस गांधीजी के चित्र की दिशा से असलियत सामने आ गई।
ग्वालियर -मप्र। मिलावट के लिए बदनाम मध्यप्रदेश का भिंड जिला अब नकली नोट छापने में महारत हासिल कर रहा है। हालांकि दूध और नकली शराब बनाने में जितनी महारत है उतनी नकली नोट के कारोबार में नहीं हो पाई।
उनकी एक चूक ने नकली और असली के खेल में उन्हें सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। शनिवार को भिंड से नकली नोट खपाने ग्वालियर आए एजेंट को एसटीएफ ने नेहरू पार्क से गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से 2-2 हजार के 175 यानि कुल साढ़े तीन लाख रुपए के नकली नोट मिले हैं।
इन नकली नोटों की क्वालिटी इतनी अच्छी है कि एकबारगी एसटीएफ भी उन्हें असली समझ बैठी, लेकिन नोट को लाइट में लाते ही महात्मा गांधी ने चंद सेकंड में असली-नकली का भ्रम दूर कर दिया। क्योंकि महात्मा गांधी की फोटो सही दिशा में नहीं सेट किए गए थे। पुलिस की गिरफ्त में आए एजेंट ने बताया यह नोट भिंड में छापे गए हैं। गिरोह में 5 सदस्य है।
एसटीएफ को मिली थी सूचना
एसटीएफ नीरज सोनी को सूचना मिली थी कि एक युवक नकली नोट लेकर आने वाला है। इस पर टीम को अलर्ट किया गया। डीएसपी एसटीएफ रोशनी सिंह, टीआई चेतन सिंह बैस ने टीम के साथ कंपू के नेहरू पार्क के पास संदेही युवक को रोकने का प्रयास किया तो वह भागने लगा।
टीम ने पीछा कर उसे पकड़ लिया। तलाशी के दौरान उसके पास से 2.2 हजार के 175 नोट मिले। जब इन नोटों को थाने लाकर चेक किया गया तो ये सभी नकली निकले। आरोपी से रैकेट के संबंध में पूछताछ की जा रही है।
नोट देखकर अफसर भी खा गए धोखा
एसटीएफ एक बार तो नोटों को देखकर धोखा खा गई। उन्हें लगा कि गलत आदमी को पकड़ लिया। यह नोट तो असली हैं। कागज की क्वालिटी, नोट के अंदर तार भी है।
जब नोट को लाइट के सामने रखकर देखा गयाए तो महात्मा गांधी भी नजर आए, लेकिन गांधीजी के चेहरे की दिशा अलग थी। बस गांधीजी के चित्र की दिशा से असलियत सामने आ गई। इसके बाद आरोपी को निगरानी में लेकर पूछताछ शुरू कर दी।
40 हजार देकर मिलते थे 1 लाख के नकली नोट
पकड़ा गया युवक नकली नोट के रैकेट का पार्ट नहीं है, बल्कि सिर्फ एजेंट है। वह भिंड में एक युवक के माध्यम से यह नकली नोट लेकर ग्वालियर में खपाने आया था। वहां रैकेट से उसे यह आसानी से मिल जाते हैं। 40 हजार रुपये असली देने पर 1 लाख नकली मिल जाते हैं।
यदि इनको मार्केट में खपा देता है, तो एक विजिट पर 60 हजार रुपये का फायदा होता है। आरोपी अभी तक पहली बार आने की बात कह रहा है, लेकिन एसटीएफ की टीम को आशंका है कि वह पहले नोट लेकर आता रहा है।
किराए के मकान में छापते थे नकली नोट
नकली नोट लेकर आए एजेंट ने खुलासा किया है कि यह रैकेट भिंड में चल रहा है। वहां शहर में किराए के मकान में यह नकली नोट छापने का काम चलता है। प्राथमिक सूचना के आधार पर यह गिरोह 5 सदस्यीय है।
सभी सदस्य भिंड के रहने वाले हैं। इनके पास 2 हजार के नोट की डाई है, जिसके आधार पर यह नकली नोट छाप रहे हैं। उसके अलावा उसका एक साथी और भी इस समय ग्वालियर में है, इसलिए एसटीएफ उसकी तलाश में लग गई है।