चलती -फिरती आतंक की फैक्ट्री राशिद लगा पुलिस के हाथ, बताया कैसे तैयार करते थे जिहादी

टीम भारत दीप |

राशिद के पास से मिली सीडी में पीएफआई के उदेश्यों की गाइडलाइन है।जिसका वह प्रचार- प्रसार करता था।
राशिद के पास से मिली सीडी में पीएफआई के उदेश्यों की गाइडलाइन है।जिसका वह प्रचार- प्रसार करता था।

पीएफआई के सक्रिय सदस्यों को दंगा फैलाने व हिंदुवादी नेताओं की हत्या करने की ट्रेनिंग देता था। गोरखपुर, कुशीनगर, सिद्वार्थनगर, बहराइच समेत उत्तर प्रदेश के 100 से अधिक युवक उसके संपर्क में थे।कैसे भड़काना है दंगा सीखता था नए सदस्यों को ।

गोरखपुर। देश के अंदर आतंक का नया माॅडल पीएफआई   यानि पापुलर फ्रंट आफ इंडिया का ट्रेनिंग कमांडर मोहम्मद राशिद रविवार को यूपी पुलिस के हाथ लग गया।

मालूम हो कि राशिद संगठन की मीटिंग में शामिल होने मुंबई जा रहा था। 11 मार्च को उसने एलटीटी एक्सप्रेस से मुंबई जाने का टिकट कराया था लेकिन आखिरी समय में प्लान बदल दिया।

रविवार को बस्‍ती में पकड़े जाने के बाद उससे पूछताछ में पता चला कि महाराष्ट्र के पूना, परवनी, औरंगाबाद व नांदेड में पीएफआई के सक्रिय सदस्यों को दंगा फैलाने व हिंदुवादी नेताओं की हत्या करने की ट्रेनिंग देता था। गोरखपुर, कुशीनगर, सिद्वार्थनगर, बहराइच समेत उत्तर प्रदेश के 100 से अधिक युवक उसके संपर्क में थे।

कैसे भड़काना है दंगा सीखता था नए सदस्यों को 

एसटीएफ को मोहम्मद राशिद ने बताया कि वह नए सदस्यों को प्रशिक्षित करता है। जो सदस्य ट्रेनिंग सेंटर पर नहीं आ पाते थे उनके जिले में जाकर मोटिवेशन व फिजिकल ट्रेनिंग देता और बताता था कि दंगा होने पर कैसे भड़काना है।

प्रशिक्षण लेने वालों का नाम, पता रजिस्टर में नोट करने के बाद वह किस कार्य में दक्ष है यह लिखता था। राशिद के संपर्क में पूर्वांचल के अलावा मुरादाबाद, बरेली,शामली, मुजफ्फरपुर के 100 से अधिक युवक थे जिनके बारे में एसटीएफ जानकारी जुटा रही है।

सीडी में है ट्रेनिंग की गाइडलाइन

राशिद के पास से मिली सीडी में पीएफआई के उदेश्यों की गाइडलाइन है।जिसका वह प्रचार- प्रसार करता था।राशिद के पास से 12850 रुपये की पीएफआई की सदस्यता रसीद मिली। जिसे कुछ दिन पहले उसने कटवाया था।पूछताछ में पता चला कि वह आठ साल से पीएफआई के लिए काम कर रहा था।ट्रेनिंग के दौरान असलहे का अरेंजमेंट संगठन के सदस्य करते थे।

होटल में फर्जी आधार कार्ड पर रुकता था

राशिद के पास से मोहम्मद वहीद नाम का एक आधार कार्ड मिला जिस पर उसकी फोटो लगी थी। जांच करने पर पता चला कि मोहम्मद वहीद नाम से बना आधार कार्ड फर्जी है।पूछताछ करने पर राशिद ने बताया कि पीएफआई के सदस्यों को ट्रेनिंग देने वह देश के अलग-अलग हिस्सों में जाता था।

जहां होटल में मोहम्मद वहीद के नाम से रुकता था। यहीं नहीं मोहम्मद राशिद के पास चार पन्ने का देश विरोधी दस्तावेज मिला। जिसमें भारत 2047 में इस्लाम की शासन की ओर लिखा है।जिस पर लिखा है यह दस्तावेज वितरण के लिए नहीं है

।पुलिस की पूछताछ में रशिद ने बताया है कि उसका आका सईद चौधरी है, जिसके इशारे पर वह काम करता है। पीएफआई संगठन के सक्रिय सदस्यों को महाराष्ट्र में विशेष तौर पर ट्रेनिंग देता है।

बताया कि वह अपनी विचारधारा को फैलाने के लिए वर्ग विशेष के नवयुवकों जो शरीर से हष्ट पुष्ट होते हैं उनका ब्रेन वाश कर शारीरिक व विभिन्न हथियारों को चलाने का प्रशिक्षण देता है।


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