हीटर से निकली चिंगारी ने युवक को जलाकर किया राख, मची अफरा-तफरी
अंधेरा होते ही कमरे से धुंआ उठता देख बिजली विभाग में तैनात कर्मचारियों ने मौके पर जाकर देखा तो ड्राइवर अशोक बुरी तरह आग की लपटों से घिरा हुआ था। आग बुझाने के लिए विभाग में रखे फायर सिलेंडर (फायर एक्सटिंग्वीशर) लेकर कर्मचारी दौड़े, लेकिन वह खाली थे।
इटावा। इस समय प्रदेश में ठंड पूरे शबाब पर है। पारा दिन-प्रतिदिन गिरता जा रहा है। ऐसे में लोग बचने के लिए हीटर और अलाव का सहारा ले रहे है।
ऐसे में हादसे की सूचना भी आ रही है। कहीं झोपड़ी गर्म करने के लिए जलाई गई आग जान ले रही है तो कही हीटर। कुछ ऐसा ही ताजा मामला इटावा में देखने को मिला। यहां हीटर उठी चिंगारी से युवक के कपड़ों में आग लग गई।
जब तक लोग मदद के लिए पहुंचे, लपटों ने उसे पूरी तरह घेर लिया था। चंद पलों में झुलसकर मौत हो गई। इस दर्दनाक घटना का वीडियो भी सामने आया है। मृतक लेखा एवं सम्परीक्षा कार्यालय में ड्राइवर था।
हीटर जलाकर ताप रहा था ड्राइवर
जानकारी के अनुसार जिला लेखा परीक्षा अधिकारी धर्मेंद्र चौहान बुधवार को लखनऊ में थे। उनका ड्राइवर अशोक देर शाम अपने कार्यालय के एक कमरे में था। वह सर्दी से बचाव के लिए हीटर जलाकर ताप रहा था।
अंधेरा होते ही कमरे से धुंआ उठता देख बिजली विभाग में तैनात कर्मचारियों ने मौके पर जाकर देखा तो ड्राइवर अशोक बुरी तरह आग की लपटों से घिरा हुआ था। आग बुझाने के लिए विभाग में रखे फायर सिलेंडर (फायर एक्सटिंग्वीशर) लेकर कर्मचारी दौड़े, लेकिन वह खाली थे।
इस हादसे की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंचे, तब तक फायर ब्रिगेड भी पहुंच चुकी थी। लेकिन तब तक ड्राइवर अशोक जिंदा जल चुका था।
पास में मिली शराब की बोतल
मृतक अशोक कानपुर के बर्रा-2 का रहने वाला था। वह कार्यालय में ही एक कमरे में अस्थाई निवास बनाकर रहता था। नगर क्षेत्राधिकारी राजीव प्रताप ने बताया कि प्रथम दृष्टया मृतक अशोक शराब के नशे में था।
इसलिए शॉर्ट सर्किट के बाद वह मौके से भाग नहीं पाया। उसके पास से शराब की बोतल बरामद हुई है। पोस्टमार्टम के लिए शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है, की जांच की जा रही है।
सूत्रों के अनुसार अशोक करीब तीन सालों से विभाग में है। नशे का आदि होने के चलते एक बार इसका वेतन रोक दिया गया था। उच्चाधिकारियों के कहने पर वेतन लगा और साथ ही विभाग में रहने की अनुमति दी गई। विभाग के अधिकारियों के मुताबिक उच्चाधिकारी वर्तमान में लखनऊ में है।