छात्रा का पेपर ना छूटे, इसलिए देर से चल रही ट्रेन को समय से पहुंचाया
घबराई छात्रा ने अपने भाई अनवर से ट्रेन के विलंब से पहुंचने की आशंका जताई। इसके बाद अनवर ने रेलवे को ट्वीट कर ट्रेन नंबर देते हुए समस्या बताई। इसका तुरंत संज्ञान लेते हुए रेलवे अफसरों ने ट्रेन की गति बढ़ाकर समय को रिकवर करने के निर्देश दिए।
मऊ। रेलवे की खबरें अधिकांश अपनी विलंबता के कारण अखबारों और चैनलों की सुर्खिया बनती है। बहुत कम ही मामलों में ऐसा होता है कि जब रेलवे के अधिकारी किसी एक व्यक्ति के लिए लेट हो चुकी ट्रेन को समय से पहुंचाते हो।
कुछ ऐसा ही उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में एक छात्रा के बीटीसी का बैक पेपर वाराणसी में होने थे और उसकी ट्रेन ढाई घंटे देर से चल रही थी, लेकिन उसके भाई के एक भावुक पोस्ट के बाद रेलवे के अधिकारियों ने ट्रेन की गति को बढाकर समय पर पहुचा दिया।
ट्रेन समय से पहुंचने की वजह से छात्रा ने काॅलेज पहुंच कर पेपर दे दिया। इसके बाद छात्रा और उसके भाई ने रेलवे के अधिकारियों को शुक्रिया कहा। बुधवार सुबह एक युवक ने ट्वीट रेलवे को किया सर, मेरी बहन का बीटीसी का पेपर है।
लेकिन जिस ट्रेन में उसका रिजर्वेशन है, वो ढाई घंटे देरी से चल रही है। ऐसे में उसका पेपर छूट सकता है। फिर क्या था, थोड़ी देर में ट्रेन की गति बढ़ गई और जल्द वाराणसी पहुंच गई। इससे छात्रा समय से कालेज पहुंचकर पेपर दे सकी। इस सराहनीय कार्य के लिए छात्रा और उसके भाई ने रेलवे को रिप्लाई कर धन्यवाद किया है।
मालूम हो कि गाजीपुर जिले की नाजिया तबस्सुम बीटीसी की छात्रा है। बुधवार को उसके बैक पेपर की परीक्षा वाराणसी के वल्लभ विद्यापीठ बालिका इंटर कालेज में दोपहर 12 बजे से थी।
उसने छपरा वाराणसी सिटी एक्सप्रेस 05111 में मऊ से वाराणसी के लिए रिजर्वेशन कराया था। ट्रेन को मऊ जंक्शन पर सुबह 6. 25 बजे पहुंचना था, लेकिन वह ढाई घंटे देरी से आई।
घबराई छात्रा ने अपने भाई अनवर से ट्रेन के विलंब से पहुंचने की आशंका जताई। इसके बाद अनवर ने रेलवे को ट्वीट कर ट्रेन नंबर देते हुए समस्या बताई। इसका तुरंत संज्ञान लेते हुए रेलवे अफसरों ने ट्रेन की गति बढ़ाकर समय को रिकवर करने के निर्देश दिए। इस पर चालक ने गति बढ़ाकर मऊ से दो घंटे में 11 बजे ट्रेन को वाराणसी स्टेेशन पहुंच दिया।
जिससे नाजिया समय से कालेज पहुंचकर परीक्षा दे सकी। पीआरओ अशोक कुमार ने कहा कि यात्रियों की समस्या का निस्तारण करना रेलवे की प्राथमिकता है। जानकारी होते ही छात्रा की दिक्कत का निस्तारण किया गया।