फिरोजाबाद के 47 शिक्षकों पर लटकी बर्खास्तगी की तलवार, कोर्ट जाएंगे शिक्षक
सत्र 2004-05 बीएड डिग्री धारकों के खिलाफ एसआईटी (विशेष जांच दल) की जांच चल रही है। जनपद में 158 शिक्षकों के नाम फर्जीवाड़े में आए थे। इनमें करीब 110 शिक्षकों को बर्खास्त किया जा चुका है। टेंपर्ड अंकतालिकाओं वाले शिक्षकों की बर्खास्तगी रुक गई थी। हाईकोर्ट ने विश्वविद्यालय की जांच समिति को निर्णय लेने को कहा।
फिरोजाबाद। यूपी के फिरोजाबाद जिले में डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा के बीएड सत्र 2004-05 की टेंपर्ड अंकतालिकाओं से नौकरी करने वाले शिक्षकों पर बर्खास्तगी की तलवार लटकी रही है।
मालूम हो कि इससे पूर्व जनपद के 110 फर्जी शिक्षक बर्खास्त किए जा चुके हैं। विश्वविद्यालय के निर्णय के बाद शिक्षकों में हड़कंप मचा हुआ हैं। बीएसए कार्यालय भी शासन के आदेश का इंतजार कर रहा है। आदेश के बाद शिक्षकों की बर्खास्तगी की जाएगी।
सत्र 2004-05 बीएड डिग्री धारकों के खिलाफ एसआईटी (विशेष जांच दल) की जांच चल रही है। जनपद में 158 शिक्षकों के नाम फर्जीवाड़े में आए थे। इनमें करीब 110 शिक्षकों को बर्खास्त किया जा चुका है। टेंपर्ड अंकतालिकाओं वाले शिक्षकों की बर्खास्तगी रुक गई थी। हाईकोर्ट ने विश्वविद्यालय की जांच समिति को निर्णय लेने को कहा।
शुक्रवार को शाम जांच समिति ने बीएड सत्र 2004-05 के 1021 अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्रों को टेंपर्ड घोषित कर दिया। फिरोजाबाद में टेंपर्ड प्रमाणपत्रों से नौकरी पाने वाले 47 शिक्षक हैं। इन पर बर्खास्तगी की तलवार लटकी है। इस टेंपर्ड सूची में शिक्षक नेताओं के नाम भी शामिल हैं।
इधर, विश्वविद्यालय कमेटी के निर्णय के बाद इन शिक्षकों ने कोर्ट जाने की तैयारी शुरू कर दी है। फिरोजाबाद के बीएसए डॉ. अरविंद पाठक ने बताया कि टेंपर्ड प्रमाणपत्र वाले शिक्षकों की सूची पर कार्रवाई विश्वविद्यालय कमेटी के आदेशानुसार होनी है।
हमारे पास पत्र आएगा। उसके बाद ऐसे शिक्षकों की बर्खास्ती करेंगे। जनपद में टेंपर्ड प्रमाणपत्र वाले शिक्षकों की संख्या 47 है। यह खबर सामने आने के बाद फर्जी प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी करने वाले शिक्षकों की सांस अटकी हुई है।
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