खुशखबरी दुधवा टाइगर रिजर्व पार्क में बढ़ा बाघ का कुनबा, शावकों संग नजर आई बाघिन
वन्य जीवों के लिए प्रसिद्ध लखीमपुर खीरी के दुधवा टाइगर रिजर्व पार्क में बाघ का कुनवा बढ़ गया है। यह खबर जंगल से बाहर आने पर वन्य प्राणी प्रेमियों में खुशी की लहर देखी जा रही है। पार्क में बाघिन को चार शावकों के साथ देखा गया है।
लखीमपुर खीरी। वन्य जीवों के लिए प्रसिद्ध लखीमपुर खीरी के दुधवा टाइगर रिजर्व पार्क में बाघ का कुनवा बढ़ गया है। यह खबर जंगल से बाहर आने पर वन्य प्राणी प्रेमियों में खुशी की लहर देखी जा रही है।
पार्क में बाघिन को चार शावकों के साथ देखा गया है। किशनपुर में बाघिन के एक शावक को बाघ ने मार डाला। इस शावक की उम्र डेढ़- दो माह के बीच है।बाघों के संरक्षण में लगी उत्तर प्रदेश सरकार के लिए लखीमपुर खीरी से बड़ी खुशखबरी सामने आई है।
चार शावकों के आगमन के सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद से वन्यजीव प्रेमियों में बड़ी खुशी की लहर है। हालांकि बताया जा रहा है कि दुधवा टाइगर रिजर्व में बाघ-बाघिन की जंग में शावक की जान चली गई।
किशनपुर सैंक्चुरी में गुरुवार देर रात डेढ़ से दो माह के चार शावकों के साथ घूम रही बाघिन के एक शावक को बाघ ने मार डाला। शावक की जान बचाने के लिए बाघिन ने बाघ से जमकर युद्ध किया, लेकिन वह शावक को बचा न सकी।
वह शावक के शव को लेकर वन क्षेत्र में चली गई है। बाघ उस शव को छीनने की ताक में है। दुधवा टाइगर रिजर्व के क्षेत्रीय निदेशक ने अपने चार शावकों के साथ विचरण करती बाघिन को वीडियो कैमरे में कैद करने में सफलता प्राप्त की।
वीडियो में बाघिन को उसके चार शावकों के परिवार के साथ सैर पर जाते देखा जा सकता है। वीडियो में बाघिन कार की रोशनी को देखकर थोड़ा असहज होती है। उस दौरान चारों शावक उसके आस-पास शावक घूम रहे होते हैं।
शावक के शिकार की घटना कैमरे में रिकॉर्ड होने के बाद गुरुवार की सुबह फील्ड डायरेक्टर संजय पाठक, उपनिदेशक मनोज सोनकर, रेंज अधिकारी व पशु चिकित्सक डॉ. दयाशंकर सहित तमाम वनकर्मी मौके पर पहुंचे, लेकिन शव बरामद नहीं हो पाया।
अधिकारियों ने शावक के नर होने व निरीक्षण के दौरान शावक के सभी अंग सुरक्षित पाए जाने की पुष्टि की है। हालांकि, अभी भी बाघ उसे ले जाने और छीनने की ताक में पड़ोस में ही बैठा है।
जंगल के इस हालात की गंभीरता को देखते हुए पार्क प्रशासन ने संवेदनशील स्थलों पर कैमरा ट्रैप लगा दिया है। इस क्षेत्र में बाहरी क्षेत्र का हाथियों के जरिए निगरानी बढ़ा दी गई है।