यह देश ला रहा 10 लाख का नोट, भारत में करीब 39 रूपये होगी कीमत

टीम भारत दीप |
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केंद्रीय बैंक ने कहा कि वह दो लाख और पांच लाख बुलीवर के बैंकनोट को भी पेश करेगा।
केंद्रीय बैंक ने कहा कि वह दो लाख और पांच लाख बुलीवर के बैंकनोट को भी पेश करेगा।

दक्षिण अमेरिकी देश में कई सालों से बेहद ज्यादा मुद्रास्फीति बनी रही है। यह नया बैंक नोट मौजूदा एक्सचेंज रेट के मुताबिक केवल 52 यूएस सेंट्स होगा। केंद्रीय बैंक के अनुसार इंटरएनुअल मुद्रास्फीति 2,665 फीसदी है। कभी समृद्ध रहे ओपेक देश की अर्थव्यवस्था पिछले सात सालों से संकट में चल रही है। जिसकी वजह तेल की कीमतों में गिरावट है, जिससे आयात में कमी आई है।

नई दिल्ली। दस लाख का नोट। सुनने में कितना हैरान करता है ना? क्या आपने देखा है दस का नोट। लेकिन ऐसा होने जा रहा है। जी हां वेनेजुएला में जल्द 10 लाख का नोट आने वाला है। जिसकी भारतीय मुद्रा में ​कीमत 39 रूपये के बराबर होगी।

न्यूज एजेन्सी रायटर्स की खबर के मुताबिक वेनेजुएला की केंद्रीय बैंक ने कहा है कि वह 1 मिलियन यानी 10 लाख बुलीवर (bolivars) के बैंकनोट पेश करेगा। बताया गया कि भारतीय मुद्रा में यह नोट मौजूदा समय में करीब 39 रुपये के बराबर होगा। रिपोर्ट में कहा गया कि दक्षिण अमेरिकी देश में कई सालों से बेहद ज्यादा मुद्रास्फीति बनी रही है।

यह नया बैंक नोट मौजूदा एक्सचेंज रेट के मुताबिक केवल 52 यूएस सेंट्स होगा। बताया गया कि केंद्रीय बैंक के अनुसार इंटरएनुअल मुद्रास्फीति 2,665 फीसदी है। बताया गया कि कभी समृद्ध रहे ओपेक देश की अर्थव्यवस्था पिछले सात सालों से संकट में चल रही है। जिसकी वजह तेल की कीमतों में गिरावट है, जिससे आयात में कमी आई है।

इसके साथ रोजकोषीय घाटा भी बढ़ा है, जिसने केंद्रीय बैंक को ज्यादा बुलीवर छापने पर मजबूर किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्रीय बैंक ने एक बयान में कहा कि ये नए बिल राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की मदद करेंगे।10 लाख बुलीवर के बैंकनोट के अलावा, केंद्रीय बैंक ने कहा कि वह दो लाख और पांच लाख बुलीवर के बैंकनोट को भी पेश करेगा।

बताया गया कि वर्तमान समय में, 10 हजार, 20 हजार और 50 हजार बुलीवर के बिल चलन में हैं। बताते हैं कि सालों की भीषण महंगाई और बुलीवर के मूल्य में गिरावट से वेनेजुएला के लोगों को रोजाना के बहुत से ट्रांजैक्शन को करने के लिए अमेरिकी डॉलर के बैंकनोट का इस्तेमाल करने पर मजबूर किया है।

वहीं राष्ट्रपति Nicolas Maduro ने देश में अर्थव्यवस्था से जुड़ी परेशानियों के लिए अमेरिकी प्रतिबंधों को जिम्मेदार ठहराया है। उधर आलोचकों के मुताबिक वेनेजुएला के आर्थिक संकट का कारण राष्ट्रपति Nicolas Maduro की गलत आर्थिक नीतियां और उनसे पहले वाले समाजवादी राष्ट्रपति और उनके गुरू Hugo Chavez की पॉलिसी जिम्मेदार रही है।


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