अब नए मिशन पर तेज तर्रार आईएएस आंजनेय,यूं कसी थी आजम खां पर नकेल
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उनमें एक अधिकारी को लेकर खूब चर्चा हो रही हैं। वह तेज तर्रार आईएएस अधिकारी हैं आंजनेय कुमार सिंह। उन्हें अब रामपुर जिलाधिकारी से मुरादाबाद मंडल का कमिश्नर बनाया गया है। वहीं विपक्ष अधिकारी के प्रमोशन को आजम खां पर की गई कार्रवाई का ईनाम बता रहा है।
लखनऊ। मंगलवार को योगी सरकार ने जिन छह आईएएस अफसरों का ट्रांसफर किया है। उनमें एक अधिकारी को लेकर खूब चर्चा हो रही हैं। वह तेज तर्रार आईएएस अधिकारी हैं आंजनेय कुमार सिंह। उन्हें अब रामपुर जिलाधिकारी से मुरादाबाद मंडल का कमिश्नर बनाया गया है। वहीं विपक्ष अधिकारी के प्रमोशन को आजम खां पर की गई कार्रवाई का ईनाम बता रहा है।
दरअसल यही वह तेज तर्रार अफसर है जिन्होंने सपा सरकार में मंत्री रहे कद्दावर नेता आजम खाँ को जेल पहुंचाया। आजम खान को भू-माफिया बना दिया और देखते ही देखते आजम खान और उनके परिवार पर 100 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हो गए। फिलवक्त आजम खां सीतापुर की जेल में है।
हालांकि आंजनेय कुमार सिंह पहले भी कह चुके है कि उनकी आजम खां से कोई दुश्मनी नहीं है वो सिर्फ अपना काम कर रहे है। वहीं आजम खां पहले से आंजनेय कुमार सिंह पर आरोप लगाते रहे हैं कि वे योगी सरकार के इशारे पर सारा काम कर रहे हैं। बताया जाता है कि योगीराज से पहले भी अखिलेशराज में आंजनेय कुमार सिंह का आजम खां से सामना हो चुका है।
लेकिन उस दौर की बात कुछ और थी। ऐसी चर्चा है कि उस दौरान में भी इस आईएएस अफसर का आजम खां से टकराव हुआ था। लेकिन सत्ता की हनक के आगे यह अफसर अपने स्वभाव के मुताबिक काम नहीं कर सका। बहरहाल आजम का वर्चस्व मटियामेट करने के बाद यह तेज तर्रार आईएएस अफसर अब नये मिशन पर है।
आजम खां पर यूं कसी नकेल
यूपी की सियासत में आजम खां काफी कद्दावर नेता माने जाते हैं। सूबे में चाहे सामाजवादी पार्टी की सरकार का मुलायम राज रहा हो या अखिलेश। उनका अलग ही रूतबा हुआ करता था। या यूं कहें कि सूबे के अफसरानों की उनके आगे गिग्गी बंध जाया करती थी। जिस अफसर पर उनकी भवें चढ़ी समझ लो कि उसका बेड़ा गर्क।
कहा जाता है कि रामपुर में तो उनकी मर्जी के बिना एक पत्ता भी नहीं हिलने वाले हालात रहते थे। फिर वक्त बदला और सिक्किम कैडर(2005 बैच) के तेज तर्रार आईएएस आंजनेय कुमार सिंह की प्रतिनियुक्ति पर यूपी में इंट्री हुई। इस बीच 2017 में सूबे में सपा की सरकार बदली और भाजपा की सरकार बन गई। इस दम्यान बहुत कुछ बदला।
वहीं 2019 के लोक सभा चुनाव से पहले आंजनेय कुमार सिंह को रामपुर का जिलाधिकारी बनाकर भेजा गया। उसके बाद तो देखते ही देखते आजम खां के ऐसे दिन बदले कि आज उनका नाम भू—माफियाओं की फेहरिस्त में शुमार है।
एक ओर जहां आजम खान को भू-माफिया घोषित किया गया तो वहीं दूसरी ओर जौहर यूनिवर्सिटी में किसानों की जमीन कब्जा करने के आरोप में 20 से अधिक किसानों ने आजम खान के ऊपर मुकदमे दर्ज करवाए। इसके अलावा यतीमखाना प्रकरण में लूटपाट और मकान तोड़ने के आरोप में भी कई मुकदमे दर्ज किए गए।
आजम खां और उनके परिवार पर अब तक 100 से ज्यादा मुकदमे दर्ज है। फिलवक्त वह सीतापुर जेल में अपने दिन—रात गुजारने को मजबूर हैं।
योगी सरकार के साथ—साथ केन्द्र सरकार भी मेहरबान
सियासी गलियारों में चल रही चर्चाओं के मुताबिक पूर्व मंत्री और समाजवादी पार्टी के नेता आजम खां के खिलाफ कार्रवाई करने वाले रामपुर के डीएम आंजनेय कुमार सिंह पर केन्द्र सरकार भी मेहरबान रही हैं। हाल ही में केंद्र सरकार ने इन्हें आजम खां पर की गई कार्रवाई का इनाम भी दिया है। सरकार ने आईएएस आंजनेय कुमार सिंह की प्रतिनियुक्ति को दो साल के लिए और बढ़ा दिया है।
वह अब अगले दो सालों तक यूपी में ही रह सकेंगे। केंद्रीय कार्मिक एवं पेंशन मंत्रालय ने इस संबंध में आदेश जारी कर किया था। बताया गया कि अब वह 14 फरवरी 2023 तक प्रदेश में बने रहेंगे। जानकारी के मुताबिक आंजनेय कुमार सिंह सिक्किम कैडर के 2005 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। वे 16 फरवरी 2015 से यूपी में प्रतिनियुक्ति पर हैं।
सामान्य नियमों के तहत उनकी प्रतिनियुक्ति नहीं बढ़ सकती थी लेकिन केंद्र सरकार ने नियमों को शिथिल कर यह मंजूरी दी है।
किसान आन्दोलन की धार को कुंद करने की जद्दोजहद में सरकार
हालांकि बताया जा रहा है कि पंचायत चुनाव को लेकर यह स्थानांतरण किये जा रहे हैं। वहीं सियासी गलियारे में चर्चाएं और भी हैं। कहा जा रहा है कि पश्चिम यूपी में किसान आन्दोलन के कारण योगी सरकार के खिलाफ बन रहे माहौल को कुंद करने के लिए भी यह रणनीति सरकार अपना रही है। जिससे कि अपने चहेतों की नियुक्ति कर पश्चिमी यूपी में किसान आन्दोलन की धार को कुंद किया जा सके।
तांकि पंचायत चुनाव में उसे कम से कम नुकसान हो। यानी 'एक पंत दो काज' वाली रणनीति । बताया गया कि अभी तक जितने भी अफसरों के तबादले हुए है वह सब पश्चिमी यूपी में ही हुए हैं। उधर जाटों को रिझाने के लिए योगी सरकार ने एक और कदम उठाया है। मुजफ्फर नगर में दंगों के आरोप में मुकदमा जेल रहे लोगों पर से योगी सरकार ने मुकदमें वासप ले लिए है।
हालांकि इसको लेकर सदन में हंगामा भी खूब हुआ। बताया जा रहा है कि अब तक 670 मुकदमे वापस लिए जा चुके हैं। चर्चा है कि इससे भी जाटों की नाराजगी थोड़ी थमेगी।