गोरखपुर का यह प्राइमरी स्कूल, प्राइवेट स्कूल को दे रहा मात, लगाना पड़ा नो प्रवेश का बोर्ड
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इस स्कूल में इस समय कुल 279 बच्चों का नामांकन है। भले ही यह हिंदी माध्यम का स्कूल है, लेकिन यहां बच्चों को पढ़ने के लिए डेस्क-बेंच से लेकर स्मार्ट टीवी व प्रोजेक्टर तक उपलब्ध है। इस समय यह विद्यालय पूरी तरह से हाईटेक हो चुका है। शिक्षा की गुणवत्ता की वजह से इसकी अलग पहचान बन चुकी है।
गोरखपुर। अभी तक सरकारी प्राइमरी विद्यालय को गरीब बच्चों का विद्यालय माना जाता था। ऐसा माना जाता था कि सरकारी प्राइमरी स्कूल में पढ़ाई के नाम पर केवल मिड—डे मिल और राशन मिलता है। बच्चे केवल पेट भरने के लिए स्कूल है।
इसके उल्ट कई जगह प्राइमरी विद्यालय में पदस्थ अध्यापकों की मेहनत ने उन्हें प्राइवेट स्कूलों से आगे कर दिया है। ऐसा ही एक स्कूल है गोरखपुर जिले के पिपराइच ब्लाक का प्राथमिक विद्यालय आराजी बसडीला। जहां छात्रों की संख्या इतनी हो गई है कि उनके बैठने तक की जगह कम पड़ रही है। ऐसे में परेशान प्रधानाध्यापक को स्कूल के बाहर नो एडमिशन का बोर्ड लगाना पड़ा।
स्मार्ट क्लास कर रही आकर्षित
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक इस स्कूल में इस समय कुल 279 बच्चों का नामांकन है। भले ही यह हिंदी माध्यम का स्कूल है, लेकिन यहां बच्चों को पढ़ने के लिए डेस्क-बेंच से लेकर स्मार्ट टीवी व प्रोजेक्टर तक उपलब्ध है।
इस समय यह विद्यालय पूरी तरह से हाईटेक हो चुका है। शिक्षा की गुणवत्ता की वजह से इसकी अलग पहचान बन चुकी है। प्रधानाध्यापक आशुतोष कुमार सिंह की मेहनत का नतीजा है कि पिछले पांच वर्षों में स्कूल में बच्चों की संख्या छह गुना बढ़ गई है। प्रधानाध्यपक ने बताया कि पांच साल पहले इस स्कूल में केवल 57 छात्र थे, जो इस समय बढ़कर 279 तक हो गए है।
चार कक्षाओं में स्मार्ट टीवी व एक में है प्रोजेक्टर
बच्चों को स्मार्ट तरीके से पढ़ाने के लिए स्कूल में कक्षा एक से चार तक में जहां स्मार्ट टीवी लगे हैं। वहीं कक्षा पांच में प्रोजेक्टर है। बच्चों को रुचिकर तरीके से पढ़ाने के लिए शिक्षक इसका उपयोग करते हैं।
दीवारों पर महापुरुषों के चित्रों के साथ ज्ञानवर्धक जानकारी लिखाई गई है। इससे छात्र खेल-खेल में अध्ययन करते हैं। इस विद्यालय में प्रधानाध्यापक समेत चार शिक्षक कार्यरत हैं। जो पूरी मेहनत से छात्रों को पढ़ाने में जुटे रहते हे।
कक्षा तीन में हैं सर्वाधिक 67 बच्चे
विद्यालय में कक्षा तीन में सर्वाधिक 67 बच्चे नामांकित हैं। जबकि एक में 56 बच्चे, कक्षा दो में 41, कक्षा चार में 57 तथा कक्षा पांच में 58 बच्चे नामांकित हैं।वहीं इस प्रधानाध्यापक आशुतोष कुमार सिंह का कहना है कि अभी तक विद्यालय में कायाकल्प योजना क्रियान्वित नहीं हुई है।
मैंने अपने प्रयास से आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराएं है, ताकि बच्चों के पठन-पाठन में कोई परेशानी न हो। किचन शेड की भी व्यवस्था की गई है। जिससे बरसात व अधिक धूप होने पर उसमें बैठक भाेजन ग्रहण कर सकें। स्कूल में चार ही कमरे हैं। क्षमता के अनुरूप ही प्रवेश लिए जा सकते हैं। इसीलिए अब प्रवेश बंद करने पड़े हैं।
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