इस बार बहुत तपाएगी गर्मी, आंखें तरेरने लगा सूरज, अभी तो मई—जून है बाकी
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भारतीय मौसम विभाग ने सोमवार को तीन महीनों- मार्च, अप्रैल और मई के लिए गर्मी का पूर्वानुमान भी जारी किया है। विभाग के अनुसार इस साल दक्षिण और मध्य भारत को छोड़कर उत्तर भारत सहित देश के अधिकतर हिस्सों में तापमान सामान्य से एक डिग्री तक ज्यादा रह सकता है।
नई दिल्ली। इस बार गर्मी के आसार ठीक नहीं लग रहे। अभी तो फरवरी खत्म् ही हुई हैं और मार्च शुरू हुआ है। मगर गर्मी का आलम अभी से आने वाले अंजाम की कहानी बया कर रहा है। सूर्य देव अभी से आंख तरेरते नजर आने लगे हैं। ऐसे में कहा जा रहा है कि यदि अभी ये हाल है तो मई—जून में क्या होगा। दरअसल बताया जा रहा है कि आने वाले महीनों में देश के ज्यादातर हिस्सों में गर्मी का प्रकोप छाया रहेगा।
उत्तर और पूर्वोत्तर भारत के अलावा देश के पूर्वी और पश्चिमी भाग में दिन का तापमान सामान्य से ज्यादा रहेगा। वहीं भारतीय मौसम विभाग ने सोमवार को तीन महीनों- मार्च, अप्रैल और मई के लिए गर्मी का पूर्वानुमान भी जारी किया है। विभाग के अनुसार इस साल दक्षिण और मध्य भारत को छोड़कर उत्तर भारत सहित देश के अधिकतर हिस्सों में तापमान सामान्य से एक डिग्री तक ज्यादा रह सकता है।
मार्च के पहले दिन इसका अहसास हो भी गया है। बताया गया कि एक मार्च को उत्तर और मध्य भारत का तापमान सामान्य से तीन से छह डिग्री तक ज्यादा दर्ज किया गया है। बता दें कि मौसम विभाग पिछले पांच सालों से गर्मी को लेकर पूर्वानुमान जारी कर रहा है। विभाग ने बीते सालों में बताया कि गर्मी अधिक रहेगी और उसकी भविष्यवाणी सच भी साबित होती रही है।
बताया गया कि इस वर्ष भोपाल, इंदौर सहित पश्चिमी मध्यप्रदेश में रातें ज्यादा गर्म रहेंगी। यहां दिन का तापमान सामान्य औसत से 0.5 डिग्री जबकि रात का तापमान एक डिग्री ज्यादा रहने की उम्मीद है। वहीं विभाग ने गर्मी के पूर्वानुमान में बताया है कि जबलपुर, सागर समेत पूर्वी मध्यप्रदेश में दिन में ज्यादा गर्मी रहेगी।
यहां का तापमान सामान्य औसत से एक डिग्री तक अधिक रहने का अनुमान बताया गया है। वहीं इस साल राजधानी में अप्रैल और मई महीने में लू चलने का अनुमान है। उधर मौसम विशेषज्ञ वेद प्रकाश के अनुसार भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, चंबल समेत पश्चिमी मध्यप्रदेश में दिन भी ज्यादा गर्म रहेंगे। लेकिन रात में तापमान सामान्य से एक डिग्री तक ज्यादा रह सकता है।
वहीं भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) गांधी नगर के अनुसंधानकर्ताओं द्वारा एक अध्ययन में दावा किया गया है कि दुनियाभर में हो रहे जलवायु परिवर्तन से भारत में आने वाले सालों में सूखा पड़ने की तीव्रता बढ़ेगी। जिसका असर कृषि उत्पादन पर पड़ेगा।
अध्ययन में बताया गया कि सूखे के कारण सिंचाई की मांग बढ़ेगी और भूजल का दोहन बढ़ जाएगा।