बांदा में रेत का टीला धसकने से तीन मजदूरों की मौत, परिजनों ने लगाया जाम
तीनों मजदूरों की मौत से गुस्साए ग्रामीणों और परिजनों ने खदान पट्टा धारकों के कार्यालय और जेसीबी में तोड़फोड़ भी की, ग्रामीणों की मांग है कि मजदूरों के परिजनों को दो-दो करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाए।
बांदा। उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड में रेत का अवैध रूप से उत्खनन नासूर बनता जा रहा सरकार की सख्ती के कारण लोग चोरी छिपे रेत के खदानों से रेत निकालते है। इस कारण कई बार लोग हादसे का शिकार हो जाते है।
ताजा मामला बांदा जिले पलानी थाना क्षेत्र के अंतर्गत खदान का है। यहां रेत निकाल रहे तीन मजदूरों की बालू का टीला धसने से मौत हो गई है। बालू का टीला धंसने से घायल तीनों मजदूरों को आनन-फानन में जिला अस्पताल ले जाया गया।
जहां डॉक्टरों ने तीनों मजदूरों को मृत घोषित कर दिया। जानकारी के अनुसार इन मजदूरों के साथ काम कर रहे 4 मजदूरों ने भागकर अपनी जान बचाई है। मजदूरों की मौत से खफा उनके परिजनों और ग्रामीणों ने खदान मार्ग पर तीनों के शव रखकर जाम लगा दिया है।
मुआवजे की मांग
तीनों मजदूरों की मौत से गुस्साए ग्रामीणों और परिजनों ने खदान पट्टा धारकों के कार्यालय और जेसीबी में तोड़फोड़ भी की, ग्रामीणों की मांग है कि मजदूरों के परिजनों को दो-दो करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाए।मुआवजे की मांग को लेकर आक्रोशित परिजनों और ग्रामीणों में देर रात तक जाम लगाए रखा।
इन लोगों की गई जान
यह सभी मजदूर केन नदी के बालू के खदान के पास में रोज की तरह खुदाई कर रहे थे और ट्रैक्टर पर रेत भरते समय खदान के ऊपर की सतह की मिट्टी का एक टीला ढह गया। इस हादसे में महेश, बंटू श्रीवास, चिरइया यादव दब गए। टीला धंसकते देख कल्लू, शिवनारायण, बबलू और सूरजपाल ने भागकर अपनी जान बचाई।
हादसे की सूचना पर काफी संख्या में ग्रामीण एकत्र हो गए। किसी तरह ग्रामीणों ने जेसीबी की मदद से तीनों मजदूरों के शव रेत से बाहर निकाले। ग्रामीण घायलों को लेकर अस्पताल पहुंचे। जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
जिसके बाद गुस्साए मजदूरों के परिजनों और ग्रामीणों ने बांदा हमीरपुर मुख्य मार्ग पर जाम लगा दिया। इससे दोनों तरफ लंबी वाहनों की कतारें लग गई। जाम की सूचना पर पहुंचे अधिकारियों ने किसी तरह ग्रामीणों को समझा- बुझाकर जाम खुलवाया। जाम खुलने से किसी तरह वाहन चालकों को राहत मिल सकी।