सोशल मीडिया पर कसी नकेल, तीन माह के भीतर लागू होंगे ये कानून

टीम भारत दीप |

सोशल मीडिया पर डिजिटल सामग्री को लेकर नए नियमों के दिशानिर्देश जारी किए गए हैं।
सोशल मीडिया पर डिजिटल सामग्री को लेकर नए नियमों के दिशानिर्देश जारी किए गए हैं।

प्रेस ब्रीफिंग के दौरान उन्होंने कहा कि माता-पिता का एक तंत्र होना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बच्चे ऐसे वीडियो नहीं देखें। बताया गया कि ओटीटी और डिजिटल मीडिया को सूचना और प्रसारण मंत्रालय देखेगा और इंटरमीडरी प्लेटफॉर्म का संज्ञान आईटी मंत्रालय लेगा।

नई दिल्ली। सोशल मीडिया पर नकेल कसने की तैयारी पूरी कर ​ली गई है। इसको लेकर सरकार ने नई गाइडलाइन जारी कर दी है। बताया गया कि सोशल मीडिया को लेकर तैयार किए गए इन कानूनों को तीन माह के भीतर लागू भी कर दिया जाएगा।

जानकारी के मुताबिक केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि कोर्ट या सरकार अगर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से शरारती संदेश को लेकर जानकारी मांगती है वह देनी पड़ेगी। इसमें सबसे पहले पोस्ट करने वाले यूजर की जानकारी भी मांगने पर देनी पड़ेगी। बताया गया कि सोशल मीडिया यूजर के कंटेंट को निष्क्रिय करने के लिए उसका कारण बताना होगा और उसे सुनना भी होगा।

केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि भारत में हर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का स्वागत है। मगर इसमें दोहरे मापदंड नहीं होने चाहिए। यदि कैपिटल हिल पर हमला होता है, तो सोशल मीडिया पुलिस की कार्रवाई का समर्थन करता है। वहीं जब लाल किले पर आक्रामक हमला होता है तो आपके पास दोहरे मानक हैं। यह स्पष्ट रूप से स्वीकार्य किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया को लेकर बनाए गए कानूनों को 3 महीने के भीतर लागू किया जाएगा। जिससे वे अपने तंत्र में सुधार कर सकें। बाकी नियमों को अधिसूचित किए जाने के दिन से लागू होगा। बताते चले कि केंद्रीय मंत्रियों रविशंकर प्रसाद और प्रकाश जावड़ेकर ने सोशल मीडिया पर डिजिटल सामग्री को लेकर नए नियमों के दिशानिर्देश जारी किए।

कहा गया कि सोशल मीडिया के बड़े पैमाने पर दुरुपयोग के बारे में वर्षों से चिंताएं रही है। मंत्रालय ने व्यापक विचार-विमर्श किया। हमने दिसंबर 2018 में एक मसौदा तैयार किया था। बताया गया कि फेसबुक, ट्विटर सहित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी शिकायत निवारण तंत्र रखने का आदेश दिया गया है।

इसके अन्तर्गत उन्हें एक शिकायत अधिकारी का नाम देना आवश्यक है जो शिकायत को 24 घंटे के भीतर दर्ज करें और 15 दिनों में निस्तारण करें। वहीं नए दिशानिर्देश सभी ओटीटी प्लेटफार्मों पर सामग्री के खुद से क्लासिफाइड करना भी अनिवार्य करते हैं। जानकारी देते हुए केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर द्वारा बताया गया कि इसके लिए 13+, 16+ और A (अडल्ट) श्रेणियां होंगी।

प्रेस ब्रीफिंग के दौरान उन्होंने कहा कि माता-पिता का एक तंत्र होना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बच्चे ऐसे वीडियो नहीं देखें। बताया गया कि ओटीटी और डिजिटल मीडिया को सूचना और प्रसारण मंत्रालय देखेगा और इंटरमीडरी प्लेटफॉर्म का संज्ञान आईटी मंत्रालय लेगा।


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