कोहरे में हादसे रोकने इंजन पर चढ़ने से पहले ड्राइवर को देनी होगी परीक्षा
सर्दी के मौसम कोहरे की वजह से हर साल कई रेल दुर्घटनाएं होती है। इसके अलावा कोहरे में ट्रेन चलाना एक मुश्किल काम होता है। ऐसे में ड्राइवरों को ट्रेन चलाने में कोई दिक्कत नहीं हो इसलिए अब रेलवे प्रशासन ने कम कस ली है।
झांसी। सर्दी के मौसम कोहरे की वजह से हर साल कई रेल दुर्घटनाएं होती है। इसके अलावा कोहरे में ट्रेन चलाना एक मुश्किल काम होता है।
ऐसे में ड्राइवरों को ट्रेन चलाने में कोई दिक्कत नहीं हो इसलिए अब रेलवे प्रशासन ने कम कस ली है। अब इंजन पर चढ़ने से पहले सवाल पूछे जाएंगे। इसके लिए एक बहुविकल्पीय प्रश्न बैंक तैयार किया जाएगा।
कोहरे की तैयारियों को लेकर उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक राजीव चौधरी ने दिशा निर्देश जारी किए हैं। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये मंडल प्रमुखों से निगरानी बढ़ाने पर बल दिया।
कोहरे के दौरान ट्रेन चालकों की जरा सी लापरवाही से कई बार गंभीर परिणाम भुगतने होते यही कारण है कि कोहरे मेें ट्रेनों के संचालन को लेकर प्रशासन बेहद गंभीर हो जाता है।
चालक को फॉग सेफ डिवाइस साथ लेकर चलना पड़ता है, जिसकी मदद से वह अधिकतम 75 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से गाड़ी चला सकता है। डिवाइस की मदद से ही सिग्नलों पर नियम का पालन करना है।
अगर किसी कारण डिवाइस खराब है तो अधिकतम 60 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से ही गाड़ी को चलाया जा सकता है।गति की जांच के लिए संरक्षा सुपरवाइजरों को लगाया गया है, जो अलग- अलग सेक्शनों में पटरियों के पास खड़े रहकर स्पीड गन की मदद से स्पीड का पता करेंगे।
गाड़ी चलाते समय चालक व सह चालक को अपने मोबाइल बंद रखना अनिवार्य है। रात में ट्रेनों के संचालन पर निगाह रखने के लिए अफसरों व सुपरवाइजरों की ड्यूटी लगाई जा रही है। झांसी स्टेशन से अभी साठ सवारी व नब्बे के करीब मालगाड़ियां गुजर रहीं हैं।