बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रदेश के सभी जिले में बाल मित्र थाने खोलने की तैयारी,शासन को भेजा प्रस्ताव

टीम भारत दीप |

बाल मित्र थानों के माध्यम से बच्चों को बेहतर माहौल दिलाने का प्रयास किया जाएगा।
बाल मित्र थानों के माध्यम से बच्चों को बेहतर माहौल दिलाने का प्रयास किया जाएगा।

आयोग के अध्यक्ष देवेद्र शर्मा ने बताया कि बाल मित्र थानों के माध्यम से बच्चों को बेहतर माहौल दिलाने का प्रयास किया जाएगा। इन थानों में पुलिसकर्मी वर्दी में नहीं रहेंगे। जरूरत पर यहां बच्चों की काउंसिलिंग की भी व्यवस्था होगी। इन थानों को बच्चों के अनुरूप सुसज्जित कर उनके लिए खिलौने व बाल साहित्य भी रखा जाएगा।

लखनऊ । प्रदेश बाल अपराध को रोकने के लिए सरकार सख्त कदम उठा रही है। इस क्रम में एक और पहल करते हुए प्रदेश के सभी जिलों में बाल मित्र थाने खोले जाएंगे। राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की मंगलवार को हुई बैठक में इससे संबंधित प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी गई।

प्रस्ताव को अब शासन से मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। बाल मित्र थाने प्रदेश के सभी 75 जिलों में खोले जाएंगे। अभी उत्तराखंड में बाल मित्र थाने खोले गए है। राज्य बाल अधिकार सरंक्षण उसी के अनुसार नए थाने की स्थापना करेगा। 

बिना वर्दी के रहेंगे पुलिसकर्मी

आयोग के अध्यक्ष देवेद्र शर्मा ने बताया कि बाल मित्र थानों के माध्यम से बच्चों को बेहतर माहौल दिलाने का प्रयास किया जाएगा। इन थानों में पुलिसकर्मी वर्दी में नहीं रहेंगे। जरूरत पर यहां बच्चों की काउंसिलिंग की भी व्यवस्था होगी।

इन थानों को बच्चों के अनुरूप सुसज्जित कर उनके लिए खिलौने व बाल साहित्य भी रखा जाएगा। बैठक में ‘एक युद्ध, नशे के विरुद्ध’ अभियान चलाने पर भी चर्चा हुई। मेडिकल स्टोर से नशे की दवाएं किशोर न खरीद सकें इसके लिए दवा की दुकानों पर अनिवार्य रूप से सीसीटीवी कैमरे लगवाने के निर्देश दिए गए।

बैठक में आयोग की एडवाइजरी कमेटी गठित करने व परामर्शदाता की नियुक्ति का प्रस्ताव भी पास किया गया। तय किया गया कि पुलिस को बच्चों के प्रति संवेदनशील बनाने के लिए वर्कशॉप की शुरुआत लखनऊ मंडल से की जाएगी।

आयोग बच्चों से जुड़ी शिकायत दर्ज करने के लिए जल्द ही व्हाट्सएप नंबर जारी करेगा।ताकि बच्चों पर होने वाले अपराधों की लोग शिकायत कर सकें और उस पर तत्काल कार्रवाई हो सकेगी।

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