दुष्कर्मी को बचाने को साथी पुलिसकर्मी ने डीएनए के लिए दिया अपने स्पर्म व ब्लड का सैंपल
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मध्यप्रदेश के उज्जैन में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां युवती से शादी का झांसा देने वाले दुष्कर्म के आरोपित को बचाने के लिए आरक्षक के साथी ने अपना स्पर्म औ ब्लड का सैंपल दे दिया। अस्पताल प्रबंधन को को शंका हुई तो आरोपितों की चालाकी पकड़ में आ गई।
उज्जैन। मध्यप्रदेश के उज्जैन में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां युवती से शादी का झांसा देने वाले दुष्कर्म के आरोपित को बचाने के लिए आरक्षक के साथी ने अपना स्पर्म औ ब्लड का सैंपल दे दिया।
अस्पताल प्रबंधन को को शंका हुई तो आरोपितों की चालाकी पकड़ में आ गई। उज्जैन के पुलिस लाइन में पदस्थ आरक्षक अजय अस्तेय को सार्थकनगर निवासी युवती द्वारा दुष्कर्म का आरोप लगाए जाने के बाद केस दर्ज करते हुए पुलिस ने शुक्रवार देर रात गिरफ्तार कर लिया था।
अगले दिन नीलगंगा पुलिस आरोपी आरक्षक को मेडिकल कराने के लिए जिला अस्पताल ले गई। यहां आरक्षक के परिचित तीन पुलिसकर्मी भी पहुंच गए।इनमें महिला थाने का आरक्षक व दो पुलिस लाइन में पदस्थ आरक्षक शामिल थे।
इसमें से एक ने मेडिकल के दौरान अस्पताल में चालाकी दिखाते हुए अजय के स्पर्म की बजाय खुद का स्पर्म व ब्लड डीएनए प्रोफाइल के लिए दे दिया। जिला अस्पताल के स्वास्थ्यकर्मचारी व डॉक्टरों को इसकी शंका हुई जिसे लेकर उन्होंने पुलिस अधिकारियों को सूचित कर अवगत कराया है।
दुष्कर्म के मामले में पुलिस पीड़िता की वेजाइना स्लाइड डीएनए सेंपल के लिए लेती है। दुष्कर्म करने वाले आरोपी का ब्लड व स्पर्म लिया जाता है। जिसे डॉक्टर व एफएसएल की मदद से ड्राफ्ट बनाकर डीएनए मिलान के लिए भोपाल भेजते है।
ऐसे में अगर कोई गड़बड़ी कर ब्लड सैंपल व स्पर्म बदल दे तो फिर वह पीड़िता की स्लाइड से मैच नहीं होगा और इस तरह दुष्कर्म करने वाला आरोपी बच जाएगा।
इस विषय में एसपी उज्जैन सत्येंद्र कुमार शुक्ल का कहना है कि दुष्कर्म के मामले में गिरफ्तार किए आरक्षक का मेडिकल कराने के दौरान साथी पुलिसकर्मियों द्वारा स्पर्म व ब्लड सैंपल बदलने की साजिश की गई।
इस बारे में अस्पताल से ही जानकारी पता चली है जिसमें जांच कर वास्तविकता पता करवाई जा रही है। किसी पुलिसकर्मी ने इस तरह की बदमाशी की है तो वे सजा पाएंगे।