प्रयागराज: संघ की बैठक का आज दूसरा दिन, समापन सत्र में मोहन भागवत देंगे संदेश
प्रयागराज में चल रही दो दिवसीय राष्ट्रीय स्वयं संघ की बैठक का आज दूसरा दिन है। बैठक के समापन सत्र में संघ प्रमुख मोहन भागवत पदाधिकारियों से मुखातिब होंगे और संघ की तरफ से सदस्यों के लिए संदेश भी देंगे।
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रही दो दिवसीय राष्ट्रीय स्वयं संघ की बैठक का आज दूसरा दिन है। संघ की बैठक रविवार को प्रयागराज के गोहनिया इलाके में शुरू हुई थी। इस बैठक में संघ के पूर्वी उत्तर प्रदेश के तमाम पदाधिकारी मौजूद हैं।
बैठक के समापन सत्र में संघ प्रमुख मोहन भागवत पदाधिकारियों से मुखातिब होंगे और संघ की तरफ से सदस्यों के लिए संदेश भी देंगे। इसके साथ ही कल 24 नवंबर को राम जन्मभूमि ट्रस्ट के पदाधिकारियों के साथ संघ की एक अहम बैठक भी होगी।
बता दें कि प्रयागराज के गोहनिया में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक के दूसरे दिन का आगाज हो गया है। जानकारी के मुताबिक संघ की बैठक में आज लव जेहाद, धर्मांतरण, राम मंदिर निर्माण की भव्यता और उसमें जन सहभागिता बढ़ाने पर चर्चा हो सकती है।
इसी के साथ ही बैठक के समापन सत्र में संघ प्रमुख मोहन भागवत अपना संदेश देंगे। बताया जाता है कि संघ प्रमुख के संदेश को लेकर पदाधिकारियों में काफी उत्साह है और साथ ही साथ उनके मन मे बार-बार सवाल उठ रहा है कि आखिर संघ प्रमुख क्या कहने वाले हैं।
बता दें कि बैठक के पहले दिन लॉकडाउन के दौरान स्वयं सेवकों द्वारा किये गए कार्यों की गई समीक्षा की गई थी। बताया जाता है कि पहले दिन की बैठक में प्रांतों के पदाधिकारियों ने लॉकडाउन के दौरान किए गए कार्यों को गिनाया था। उन्होंने लॉकडाउन के समय भोजन, वस्त्र व अनाज वितरण के साथ ही इलाज व वाहनों की व्यवस्था के बारे में जानकारी दी थी।
गौरतलब है कि इस बैठक में संघ प्रमुख मोहन भागवत व सर कार्यवाहक सुरेश भैया जी जोशी समेत कई बड़े नेता भी शामिल थे। वहीं संघ के पदाधिकारियों ने लोगों को सहायता करने व आत्मनिर्भर बनाने के लिए और सक्रिय होने के निर्देश दिए थे। इसके अलावा मोहन भागवत व अन्य पदाधिकारियों ने स्वयं सेवकों द्वारा किये गए कार्यों को सराहा भी था।
इसके साथ ही कहा गया था कि सभी स्वयं सेवक सामाजिक सहभागिता के ज़रिये लोगों की मदद करें और उन्हें आत्मनिर्भर बनने में सहयोग करें। इसके अलावा बैठक में सामाजिक समरसता बढ़ाने, परिवार व कुटुंब की अवधारणा को बढ़ाने, स्वदेशी, गोरक्षा और पर्यावरण जैसे विषयों चर्चा हुई थी।