राजस्थान में दो बदमाशों ने दिनदहाड़े बैंक मैनेजर को गोली मारकर लूटे 11 लाख

टीम भारत दीप |

एफएसएल की टीम जांच कर रही है।
एफएसएल की टीम जांच कर रही है।

लुटेरों ने बंदूक के बल पर लॉकर खुलवाया गया, जिसमें करीब दस लाख सत्तर हजार थे। बदमाश ने एक बैग में भरकर बाहर निकल गए उन्होंने अपना वाहन बैंक के आसपास नहीं रखा क्योंकि सीसीटीवी फुटेज में आ सकता था, दूर रखे वाहन के पास पहुंचे इसके बाद भाग गए।

राजस्थान। राजस्थान के बीकानेर जिले के मुक्ताप्रसाद नगर स्थित ग्रामीण बैंक में सोमवार शाम लुटेरों ने गोलियां चलाईं और वहां रखे रुपये लेकर फरार हो गए।

बैंक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार लुटेरे करीब पौने ग्यारह लाख रुपये लेकर फरार हो गए। घायल बैंक मैनेजर मदन लाल को पीबीएम अस्पताल के ट्रामा सेंटर पहुंचाया गया है। उधर, शहर के सभी मार्गों पर पुलिस ने नाकाबंदी करके एक एक गाड़ी की छानबीन शुरू कर दी है।

ये है घटनाक्रम

शाम करीब पौने पांच बजे दो युवक बैंक पहुंचे। दोनों में से एक सीधे काउंटर के अंदर पहुंच गया। तब एक कर्मचारी बाहर फाइलें देख रहा था। उसने जोर से चिल्लाकर लाइन में आने के लिए बोला।

इसी दौरान दूसरा लुटेरा कैबिन परिसर के अंदर घुसा और कर्मचारियों को रुपये बताने के लिए बोला। इस दौरान एक व्यक्ति केबिन के पास था, जिसे लुटेरे ने पकड़कर जबरन अंदर की ओर धकेला। और फायरिंग करने लगा। एक गोली मैनेजर को लगी, इससे बैंक में सन्नाटा पसर गया। 

लुटेरों ने बंदूक के बल पर लॉकर खुलवाया गया, जिसमें करीब दस लाख सत्तर हजार थे। बदमाश ने एक बैग में भरकर बाहर निकल गए उन्होंने अपना वाहन बैंक के आसपास नहीं रखा क्योंकि सीसीटीवी फुटेज में आ सकता था, दूर रखे वाहन के पास पहुंचे इसके बाद भाग गए। 

घटना के बाद बैंक कर्मचारियों ने पुलिस को सूचना दी और मैनेजर को पीबीएम अस्पताल लेकर गए। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पवन मीणा ने बताया कि लूट की वारदात के बाद शहर में नाकेबंदी कर दी गई है।

कोई भी गाड़ी बिना जांच के बाहर नहीं जा रही है। मौके पर सीओ सिटी सुभाष शर्मा पहुंचे। बाद में पुलिस अधीक्षक और बीकानेर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक भी आए।

पहले मोबाइल लिए, फिर बाहर फेंके

लुटरों ने अंदर घुसने के साथ ही कर्मचारियों व एक अन्य व्यक्ति का मोबाइल कब्जे में ले लिया। लूट की वारदात पूरी होने के बाद मोबाइल वहीं आसपास फैंक गए, ताकि उनकी लोकेशन का पता न चल सके।

यह मोबाइल किसी राहगीर को दिखाई दिए थे, जो पुलिस के सुपुर्द कर दिए गए। सीओ सीटी सुभाष शर्मा ने बताया कि मोबाइल लुटेरो के नहीं बल्कि वहां उपस्थित लोगों थे। नाकाबंदी में भी कोई पकड़ में नहीं आया है।

जिस तरह लूट को अंजाम दिया गया उससे लगता है कि लुटेरे किसी पारंगत गैंग से नहीं है बल्कि नौसिखिया हैं। जिस तरह घटनाक्रम को अंजाम दिया गया और मौके पर बिना विरोध के फायरिंग की गई, उससे लगता है कि वो घटना को अंजाम देते हुए घबरा रहे थे।

कर्मचारी पुलिस घेरे में

घटनाक्रम के बारे में बताने के लिए मौके पर माैजूद किसी कर्मचारी को मीडिया के सामने नहीं आने दिया गया। दरअसल, मौके पर मौजूद बैंक कर्मचारी हिसाब किताब मिलाने में भी व्यस्त रहे। आठ बजे तक कोई भी कर्मचारी बाहर नहीं निकल पाया। एफएसएल की टीम जांच कर रही है।


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