बलिया में पिकनिक मनाने गए युवकों की नाव सेल्फी लेने के दौरान पलटी, 2 की मौत
अपडेट हुआ है:
रविवार दोपहर में अचानक नाव पलट गई और सभी बच्चे ताल के गहरे पानी में गिर गए। मैटिहार गांव में हादसे की जानकारी होने के बाद पीड़ितों के घर भारी भीड़ उमड़ पड़ी। हादसे में दीपक कुमार गुप्त 21 व अमित कुमार गुप्त 25 की मौत हो गई। मल्लाहों ने तत्परता दिखाते हुए डूब रहे अभिषेक कुमार 24अंकित कुमार गुप्त 23 रमेश कुमार24 व भोलू 22को सुरक्षित निकाल लिया।
बलिया। उत्तर प्रदेश के बलिया जिला के बांसडीह कोतवाली क्षेत्र के मैरिटार गांव में रविवार को पिकनिक मनाने गए 6 युवकों की सुरहाताल में डूब गए। नव अंसतुलित हुई दुर्घटना से दो की मौत हो गई है।
चार लोगों को बचा लिया गया है। बचाये गए लोगों को जिला अस्पताल ले जाया गया है जहां उनका इलाज चल रहा था । रविवार दोपहर में अचानक नाव पलट गई और सभी बच्चे ताल के गहरे पानी में गिर गए। मैटिहार गांव में हादसे की जानकारी होने के बाद पीड़ितों के घर भारी भीड़ उमड़ पड़ी।
हादसे में दीपक कुमार गुप्त 21 व अमित कुमार गुप्त 25 की मौत हो गई। मल्लाहों ने तत्परता दिखाते हुए डूब रहे अभिषेक कुमार 24अंकित कुमार गुप्त 23 रमेश कुमार24 व भोलू 22को सुरक्षित निकाल लिया।
पिकनिक मनाने गए थे सभी
रविवार की दोपहर करीब एक बजे कई युवक बलिया जिले के सुरहा ताल स्थित टीले पर पिकनिक मनाने के लिए नाव से जा रहे थे। अचानक गहरे पानी में नाव अनियंत्रित होकर डगमगाने लगी। नाव अनियंत्रित होने के बाद यह पलट गई। नाव गहरे पानी में पलटने की जानकारी होने के बाद आनन -फानन बच्चों को बचाने की कोशिश शुरू हुई। हादसे के दौरान छह में चार लोगों को किसी तरह से लोगों के सहयोग से बचाने में सफलता तो मिली लेकिन गहरे पानी में डूबने से दो की मौत हो गई।
नाव पलटने की जानकारी पर लगी भीड़
किशोरों के सुरहा ताल में डूबने की जानकारी होने के बाद तट पर लोगों की भारी भीड़ लग गई। सूचना मिलते ही मौके पर पुलिस भी पहुंच गई। वहीं हादसे की जानकारी से प्रशासन को भी अवगत करा दिया गया है।
नाविकों ने बिना प्रशासनिक मदद के बच्चों को बचा लिया। पुलिस ने दो मृतकों के शवों को कब्जे में लेते हुए पीएम के लिए भेज दिया। परिजनों को हादसे की जानकारी हुई तो रो -रोकर बुरा हाल हो गया। जबकि परिजनों के घर हादसे के बाद लोगों की भारी भीड़ लग गई।
चार लोगों की बचायी जान
घटनास्थल पर भगवान का दूत बनकर पहुंचे सुमन्त निषाद ने तीन युवकों की जान बचाकर मानवता की मिसाल पेश की है। नाव पलटने के बाद तत्काल बाद नाव से ताल के अंदर जा रहे सुमन्त निषाद ने बताया कि चिल्लाने की आवाज सुन मैं काफी तेज गति से डूब रहे लोगों के तरफ नाव लेकर गया।
इसके साथ ही आस पास के लोगोंं को भी आवाज लगाकर बुलाया, तब तक मैं तीन युवकों को पानी के अंदर से निकाल लिया था। शेष तीन को पीछे से आये विकेक निषाद, शैलेन्द्र निषाद व गोपाल निषाद ने ताल के अंदर डूब रहे सभी को बचाने में जुट गये।
सुमन्त ने बताया कि सुरहताल के बीच से नाव के डूबने पर निकल रही लोगों की चीख से एक बारगी उन्हें कुछ समझ में नहीं आया कि वे क्या करें। लेकिन, जान को जोखिम में डालकर लोगों को बचाने में जुट गये। इन सभी जाबाज युवकों की तत्परता का ही नतीजा था कि छः युवकों को पानी से बाहर निकाल लिया। लेकिन दो को न बचा पाने का दर्द इनके आखों में साफ साफ दिख रहा था। वहींं चार की स्थिति खतरे से बाहर है।