चलती ट्रेन से गिरी दो साल की मासूम, नंगे पांव तीन किमी भागकर बेटी के पास पहुंची मां
मानिकपुर के इंदिरा नगर की रहने वाली माया देवी को उसके पति ने पीटकर घर से निकाल दिया है। वह ट्रेनों में झाड़ू लगाकर लोगों से पैसे मांगती है और अपना गुजारा करती है। दो साल की बेटी मीनाक्षी को भी साथ रखती है। सोमवार को माया बेटी सोनाक्षी को लेकर मानिकपुर स्टेशन से गोदान एक्सप्रेस में झाड़ू पोछा करने के लिए ही चढ़ी थी।
प्रयागराज। एक कहावत है कि जब जिसकी मृत्यु होनी है तभी होती है,उससे पहले किसी का कोई बाल बाका नहीं कर सकता। कुछ ऐसी कहानी यूपी के प्रयागराज से सामने आई। यहां एक मां अपनी मासूम बच्ची के साथ ट्रेन से सफर कर रही थी।
इसी दौरान उसकी बच्ची हाथ से फिसल गई और वह पटरियों के किनारे उगी घास में जा गिरी। मां ने तुरंत ट्रेन रूकवाकर भागती हुई गई तो बच्ची उसे झाड़ियों में रोती मिली। भगवान की गनीमत थी की ट्रेन की स्पीड बहुत स्लो थी और बच्ची को ज्यादा चोट नहीं आई। हालांकि ये नजारा जिसने भी देखा वो दंग रह गया।
ट्रेन का झटका लगते ही गिरी बच्ची
मानिकपुर के इंदिरा नगर की रहने वाली माया देवी को उसके पति ने पीटकर घर से निकाल दिया है। वह ट्रेनों में झाड़ू लगाकर लोगों से पैसे मांगती है और अपना गुजारा करती है। दो साल की बेटी मीनाक्षी को भी साथ रखती है।
सोमवार को माया बेटी सोनाक्षी को लेकर मानिकपुर स्टेशन से गोदान एक्सप्रेस में झाड़ू पोछा करने के लिए ही चढ़ी थी। उस वक्त ट्रेन की स्पीड लगभग 50 किलोमीटर प्रति घंटे की थी। मीनाक्षी अपनी मां का पल्लू पकड़कर ट्रेन के दरवाजे के पास ही खड़ी थी। ट्रेन जसरा से जैसे ही आगे बढ़ी मनकवार गांव के सामने ट्रेन में झटका लगा और मीनाक्षी नीचे गिर गई।
बेटी के नीचे गिरते ही मां माया कोच में चीखने लगी। अरे मेरी बेटी नीचे गिर गई। ट्रेन रोको...ट्रेन रोको। इससे बोगी में हड़कंप मच गया। तभी किसी ने चेन पुलिंग की। रुकते-रुकते ट्रेन हादसे वाली जगह से करीब तीन किलोमीटर दूर इरादतगंज रेलवे स्टेशन तक पहुंच गई। लेकिन जैसे ही ट्रेन रूकी, बदहवाश माया ने नंगे पांव ट्रेन की पटरियों पर दौड़ लगा दी।
जिस जगह बच्ची ट्रेन से नीचे गिरी वहीं पास में मनकवार गांव की आरती पटेल भी थीं। बच्ची को पटरी पर गिरते देख वह तुरंत उसके पास पहुंच गईं। उन्होंने बच्ची को उठाया और इलाज के लिए घर लेते गईं। बच्ची के सिर से खून निकल रहा था और वो बेहोश हो गई थी।
आरती ने एक मां की तरह ही मीनाक्षी की चिंता की। उन्होंने पूर्व प्रधान की मदद से डॉक्टर को बुलवाया और बच्ची का मरहम-पट्टी करवाया। इंजेक्शन देने के बाद बच्ची को होश आया।आरती ने जब माया को सोनाक्षी को दिया तो उसकी जान में जान आई।
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