सिविल सेवा में सुधार की दिशा में केंद्र सरकार का बड़ा एलान, अब नौकरी के बाद नियमित प्रशिक्षण
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सरकार के अनुसार इसके आधार पर अधिकारियों की कार्यक्षमता को बढ़ाना और उनके व्यवहार में वक्त की मांग के अनुरूप बदलाव लाना है। इसके लिए अलग से आयोग का गठन भी किया जाएगा जो इन प्रशिक्षण और कामकाज पर लगातार नजर रखेगा।
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बुधवार को अपने कैबिनेट मीटिंग में सिविल सेवा में सुधार के लिए कर्मयोगी योजना की शुरूआत की है। इसमें अब नौकरी के बाद समय समय पर सभी अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
सरकार के अनुसार इसके आधार पर अधिकारियों की कार्यक्षमता को बढ़ाना और उनके व्यवहार में वक्त की मांग के अनुरूप बदलाव लाना है। इसके लिए अलग से आयोग का गठन भी किया जाएगा जो इन प्रशिक्षण और कामकाज पर लगातार नजर रखेगा।
कैबिनेट ब्रीफिंग में मिशन कर्मयोगी के बारे में जानकारी देते हुए कार्मिक मंत्रालय के सचिव सी चंद्रमौली ने कहा कि एक सरकारी कर्मचारी हो इनोवेटिव, कल्पनाशील, नम्र, प्रोफेशनल और टेकइनेबिल्ड होना चाहिए। जिससे कि वह समाज में आ रही चुनौतियों का समाधान प्राप्त करने में सक्षम हो।
कर्मयोगी योजना के तहत इसी प्रकार के प्रशासक तैयार करना है। कर्मयोगी योजना में एक डिजिटल प्लेटफार्म तैयार किया जाएगा जिसके माध्यम से प्रशिक्षण का कार्य होगा। इसकी निगरानी के लिए प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में एक समिति बनेगी जिसमें राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्रीय कैबिनेट के मंत्री और विशेषज्ञ शामिल होंगे।
केंद्रीय कार्मिक मंत्री डाॅ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि इसका मतलब हर सिविल प्रशासक को हर क्षेत्र के लिए तैयार करना है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में हर लेवल के सरकारी अधिकारी शामिल होंगे चाहे वे राज्य सेवा से हों या अखिल भारतीय सेवा से। ट्रेनिंग के लिए 432 रूपये का शुल्क भी निर्धारित किया गया है, जो अधिकारी के संबंधित विभाग को देना होगा।
ब्रीफिंग में मौजूद सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडे़कर ने कहा कि यह अपने तरह का दुनिया का पहला ऐसा ट्रेनिंग प्रोग्राम है। यह 40 साल बाद सिविल सेवा में सुधार का सबसे बड़ा कदम है।
हर ट्रेनिंग का सर्टिफिकेशन
सचिव सी चंद्रमौली ने बताया कि हर ट्रेनिंग का सर्टिफिकेट दिया जाएगा और यह कर्मचारी की प्रोफाइल में शामिल होगा। ट्रेनिंग के बाद उसके परिणाम के आकलन के लिए कर्मचारी के कार्य को आकलन का आधार बनाया जाएगा। ऐसे में माना जा रहा है कि अब तक सेवाकाल के आधार पर होने वाले प्रमोशन के स्थान पर कार्य को आधार बनाया जाएगा।