हादसे में जान गंवाने वाले जवान के परिवार से मिले केंद्रीय मंत्री, मौत के बाद गांव में हुआ था हंगामा
उत्तर प्रदेश के जनपद मुजफ्फरनगर में गुरुवार को केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान थाना शाहपुर क्षेत्र के गांव हरसौली पहुंचे, जहां उन्होंने असम में ड्यूटी के दौरान फायरिंग में जान गंवाने वाले सैनिक इमरान के परिजनों से मिलकर उन्हें सांत्वना दी। इस दौरान उन्होंने सैनिक इमरान की मां पत्नी व बच्चों को हर संभव मदद देने की भी बात कही।
मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश के जनपद मुजफ्फरनगर में गुरुवार को केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान थाना शाहपुर क्षेत्र के गांव हरसौली पहुंचे, जहां उन्होंने असम में ड्यूटी के दौरान फायरिंग में जान गंवाने वाले सैनिक इमरान के परिजनों से मिलकर उन्हें सांत्वना दी।
इस दौरान उन्होंने सैनिक इमरान की मां पत्नी व बच्चों को हर संभव मदद देने की भी बात कही। मंत्री ने परिवार के लोगों को आश्वासन दिया है कि सेना के साथ—साथ सरकार भी उनके साथ हर समय खड़ी है।
गौरतलब है कि थाना शाहपुर क्षेत्र के गांव हरसौली निवासी इमरान भारतीय सेना में जवान थे। बता दें कि इमरान की गत 2 नवंबर को असम में ड्यूटी के दौरान फायरिंग से मौत हो गई थी, जिसके बाद उनके पार्थिव शरीर को 4 नवंबर को मुजफ्फरनगर के हरसौली लाया गया था। गांव आने के बाद हंगामा करने के बाद उनके शव को दफनाया गया था।
पीड़ित परिवार और ग्रामीणों की मांग थी कि इमरान की ड्यूटी के दौरान मौत हुई है इसलिए इमरान को शहीद का दर्जा दिया जाना चाहिए। ग्रामीणों का कहना था कि इमरान के परिवार को भी एक करोड रुपए की सहायता राशि के साथ-साथ परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी मिलनी चाहिए।
जिसके चलते गुरुवार को केंद्रीय पशुपालन डेयरी एवं मत्स्य राज्य मंत्री डॉक्टर संजीव बालियान जिला पंचायत सदस्य धीरेंद्र बालियान के साथ गांव हरसौली पहुंचे। यहां उन्होंने वीर जवान इमरान के नाम से गांव में गेट बनाने की घोषणा की और इसके साथ ही सरकार और अपनी ओर से जो भी संभव मदद हो सकती है उसका आश्वासन भी पीड़ित परिवार को दिया। इसके साथ ही उन्होंने जवान इमरान के बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाने के लिए केंद्रीय विद्यालय में भी एडमिशन कराने का आश्वासन दिया है।
इस दौरान गांव में सैकड़ों लोगों की भीड़ मौजूद रही। इस बीच केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने सैनिक की शहादत पर राजनीति करने वालों को भी नसीहत देते हुए कहा कि जो भी सरकार के नियम-कानून है उसी के आधार पर सैनिकों को मदद दी जा रही है, मगर कुछ राजनीतिक लोग सैनिक की मौत पर भी राजनीति करने से नहीं चूकते।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सैनिक दिन रात देश की सेवा करता है इसलिए सैनिक का कोई धर्म या मजहब नहीं होता है। उन्होंने कहा कि सैनिक का पूरा जीवन देश भक्ति और देश सेवा से ओतप्रोत होता है। वहीं सैनिक इमरान की मां ने अपने बेटे पर गर्व करते हुए कहा कि मेरे बेटे ने देश की खातिर अपने प्राणों की आहुति दी है और अगर उनका पोता भी देश की सेवा करें तो उन्हें उस पर भी गर्व होगा।