एमपी के अनोखे कारोबारी जिसके यहां चली 42 घंटे आयकर विभाग की कार्रवाई फिर भी व्यापारी ने जताई खुशी

टीम भारत दीप |

मुझे इस रेड का 10 साल से इंतजार था, घर पर आईटी रेड के बाद उनका टेंशन खत्म हो गया।
मुझे इस रेड का 10 साल से इंतजार था, घर पर आईटी रेड के बाद उनका टेंशन खत्म हो गया।

दमोह की राय फैमिली का होटल, शराब और ट्रांसपोर्ट कारोबार है। जिसके 12 ठिकानों पर गुरुवार सुबह 5 बजे से रात 11 बजे आयकर विभाग की कार्रवाई चली। इस कार्रवाई 8 करोड़ रुपये नगद मिले हैं। आयकर टीम को रुपये गिनने के लिए 5 मशीनें लगानी पड़ीं। सोने के 3 किलो जेवर के साथ हीरे, हथियार और करोड़ों रुपये के लेन-देन के दस्तावेज भी टीम को मिले हैं।

दमोह- एमपी। अभी तक आईटी की रेड से व्यापारियों के होष उड़ जाते है, लेकिन एमपी के एक कारोबारी ने आईटी की रेड पर खुशी जताई। हम बात कर रहे है। मध्य प्रदेश दमोह जिले के राय फैमिली के बारे में जिनके ​यहां आयकर विभाग की 42 घंटे तक कार्रवाई चली। इस कार्रवाई के दौरान आयकर विभाग के अधिकारियों को कैश गिनने के लिए पांच मशीने मंगाई गई है। वहीं कार्रवाई में आठ करोड़ रुपये मिले। 

दमोह की राय फैमिली का होटल, शराब और ट्रांसपोर्ट कारोबार है। जिसके 12 ठिकानों पर गुरुवार सुबह 5 बजे से रात 11 बजे आयकर  विभाग की कार्रवाई चली। इस कार्रवाई 8 करोड़ रुपये नगद मिले हैं। आयकर टीम को रुपये गिनने के लिए 5 मशीनें लगानी पड़ीं।

सोने के 3 किलो जेवर के साथ हीरे, हथियार और करोड़ों रुपये के लेन-देन के दस्तावेज भी टीम को मिले हैं। आयकर विभाग की कार्रवाई खत्म होने के बाद कारोबारी शंकर राय ने बताया कि आईटी रेड का मुझे 10 साल से इंतजार था। आज जाकर सुकून मिला है। इस कार्रवाई से मैं और मेरा परिवार खुश है। उन्होंने - पैसा कहां-कहां से आता है, इसका भी खुलासा टीम के सामने किया।

दस साल से था कार्रवाई का इंतजार

इस कार्रवाई पर राय फैमिली के प्रमुख शंकर राय ने कहा - मैं 74 साल का हूं। 24 साल की उम्र से इनकम टैक्स भर रहा हूं। रेड में जो भी कैश और ज्वेलरी मिली है, वह सब लीगल है। उनके पास कृषि, पंप, टावर, किराया और अन्य माध्यमों से जो भी पैसा आता है, वह उसका रिटर्न भरते हैं। शराब का ठेकेदार हूं, पर एक 50 एमएल की बोतल भी आईटी रेड में घर से नहीं मिली है। मुझे इस रेड का 10 साल से इंतजार था। घर पर आईटी रेड के बाद उनका टेंशन खत्म हो गया।

राय खुद चाहते थे कि दमोह की जनता को हकीकत पता चल जाए। मुझे और मेरे परिवार को आत्म शांति मिली है। उन्होंने कहा कि उनके यहां करीब साढ़े 3 किलो सोने के जेवर निकले थे, जिनमें से केवल सवा किलो सोने के जेवर टीम अपने साथ ले गई है। वह भी उन्हें वापस मिल जाएंगे। क्योंकि वह जेवर पुराने समय के हैं, जो उनके माता-पिता ने उन्हें गिफ्ट में दिए थे। सारा सोना मेरा 30 साल पुराना है।

शराब के मिले है पैसे

टीम द्वारा ​इतने कैश मिलने के सवाल पर जवाब दिया कि देशी शराब की दुकान पर और बसों से 10, 50 और 100 के नोट ज्यादा आते हैं। वहीं, विदेशी शराब की दुकान पर 500 रुपये के ज्यादा नोट आते हैं। ज्यादा नोट 10 रुपये के थे, इसलिए ज्यादा बैग लगे।

यदि 500, 2000 के नोट होते तो ज्यादा बैग नहीं होते। यह पूरा पैसा व्यवसायिक था, इसलिए छोटे नोट मिले। यदि इनलीगल होता तो वे सभी नोटों को 2000 के नोट में तब्दील करवा चुके होते। यही छापा यदि 15 दिन बाद पड़ता, तो शायद घर पर एक रुपश्े भी नहीं मिलता, क्योंकि 15 दिन में मुझे आबकारी की 3 करोड़ की किश्त भरनी पड़ती है।

रोज की 24 से 25 लाख की कमाई

शराब कारोबारी ने बताया कि रोज की उनकी 12 से 13 लाख रुपये शराब दुकान से, पेट्रोल पंप से 10 लाख रुपये के अलावा बसों से भी कैश आता है। प्रतिदिन इतने रुपए घर पर आते हैं। राय ने कहा - पानी के टैंक में नोटों से भरा बैग उनके यहां नहीं मिला है।

वह बैग उनके भाई के यहां मिलने की खबर है। बड़ी-बड़ी पेटियां और बैग में दस्तावेज और नोट भरकर गए हैं, यह बिल्कुल सही बात है। उनके पास कुछ भी इनलीगल नहीं है। जो पैसा टीम लेकर गई है, उसके लिए वह केस लड़ेंगे और अपना पूरा पैसा वापस लेंगे।

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