उन्नाव मामलाः कमिश्नर और आईजी की मौजूदगी में हुआ बुआ और भतीजी का अंतिम संस्कार
गांव में सियासी दलों के साथ बड़ी संख्या में ग्रमीणों का जमावड़ा रहा। दोनों किशोरियों की शव यात्रा सुबह करीब 9 बजे निकली तो गांव वालों के आंखों से आंसू नहीं थम रहे थे। डीएम रविंद्र कुमार ने बताया कि शांति तरीके से शव दफनाने की प्रक्रिया पूरी की गई, इस दौरान किशोरियों के परिवार के लोग मौजूद रहे।
उन्नाव। गुरुवार रात मृतक किशोरियों का अंतिम संस्कार न हो पाने के बाद शुक्रवार सुबह कमिश्नर व आइजी गांव पहुंचे और अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू करवा दी।
इसके बाद सुबह नौ बजकर 45 मिनट दिवंगत बुआ और भतीजी का अंतिम संस्कार करा दिया गया। बता दें कि दोनों अधिकारी मृतक किशोरियों के स्वजन से अकेले में मिले और उनके राजी होने के बाद तैयारी शुरू करवाई थी ।
अंतिम संस्कार के दौरान लखनऊ मंडल के कमिश्नर रंजन कुमार, आईजी लक्ष्मी सिंह, डीएम रविंद्र कुमार और एसपी आनंद कुलकर्णी सुबह ही गांव पहुंचे। पुलिस सुबह से ही अंतिम संस्कार करने की तैयारी करने लगी थी। गांव में सियासी दलों के साथ बड़ी संख्या में ग्रमीणों का जमावड़ा रहा।
दोनों किशोरियों की शव यात्रा सुबह करीब 9 बजे निकली तो गांव वालों के आंखों से आंसू नहीं थम रहे थे। डीएम रविंद्र कुमार ने बताया कि शांति तरीके से शव दफनाने की प्रक्रिया पूरी की गई, इस दौरान किशोरियों के परिवार के लोग मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री ने मंगाई पीएम रिपोर्ट
इससे पहले शुक्रवार सुबह मुख्यमंत्री ने इस कांड को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए पीएम रिपोर्ट मंगाई थी। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि जल्द से जल्द पुलिस इस मामले का पर्दाफाश करें ताकि पीडितों को न्याय मिल सकें।
असोहा के बबुरहा के मजरा पाठकपुर निवासी सूरज रावत ने बताया कि बुधवार शाम जब वह खेत से काम कर घर लौटा था तब पत्नी बिटोला ने बताया कि बेटी और परिवार की दो लड़ियां खेत से नहीं लौटी है। पत्नी की सूचना पर उसने बेटियों की खोजबीन शुरू की। एक घंटे की खोजबीन के बाद तीनों बेटियां भाई सूर्यबली के खेतों में अचेत हालत में मिली थी।
दो के गले में दुपट्टा कसा था जबकि तीनों के मुंह से झाग निकल रहा था। गांव के पूर्व प्रधान केवनी के भाई की कार से तीनों लड़कियों को पहले नर्सिंग होम और बाद में असोहा सीएचसी लाया गया था। जहां चिकित्सकों ने दो को मृत घोषित कर दिया था, जबकि तीसरी किशोरी को कानपुर रेफर कर दिया गया था।
खेत में अचेत मिली थी तीन किशोरी
असोहा के बबुरहा के मजरा पाठकपुर निवासी सूरज रावत ने बताया कि बुधवार शाम जब वह खेत से काम कर घर लौटा था तब पत्नी बिटोला ने बताया कि बेटी और परिवार की दो लड़ियां खेत से नहीं लौटी है। पत्नी की सूचना पर उसने बेटियों की खोजबीन शुरू की।
एक घंटे की खोजबीन के बाद तीनों बेटियां भाई सूर्यबली के खेतों में अचेत हालत में मिली थी। दो के गले में दुपट्टा कसा था जबकि तीनों के मुंह से झाग निकल रहा था। गांव के पूर्व प्रधान केवनी के भाई की कार से तीनों लड़कियों को पहले नर्सिंग होम और बाद में असोहा सीएचसी लाया गया था। जहां चिकित्सकों ने दो को मृत घोषित कर दिया था। जबकि तीसरी किशोरी को कानपुर रेफर कर दिया गया था।
पुलिस की छह टीमें कर रही जांच
डीजीपी डीजीपी एचसी अवस्थी ने कहा है कि उन्नाव में हुई घटना की जांच के लिए पुलिस की छह टीमें गठित की गई हैं। सभी टीमें वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के पर्यवेक्षण में काम कर रही हैं। प्रशासन एवं स्वास्थ्य समेत अन्य संबंधित विभागों के साथ लगातार समन्वय स्थापित करके विधिक कार्रवाई की जा रही है।
उन्होंने कहा कि तीनों बच्चियां पशुओं का चारा लेने गई थीं और अपने ही खेत में बेहोशी की हालत में पाई गई थीं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र असोहा पर दो बच्चियों को मृत घोषित कर दिया गया। एक अन्य की हालत गंभीर होने के कारण डॉक्टरों ने उन्नाव रेफर कर दिया गया था, बाद में बेहतर इलाज के लिए उसे कानपुर रेफर कर दिया गया।
तीसरी बच्ची की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है। डॉक्टरों ने जहरखुरानी का संदेह जताया है। दोनों मृत बच्चियों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से हत्या का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है। उनकी शरीर पर किसी भी तरह की बाहरी या आंतरिक चोट के निशान नहीं पाए गए हैं।
पोस्टमार्टम डॉक्टरों के पैनल द्वारा किया गया है। जांच के लिए बिसरा सुरक्षित रखा गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खाने में जहर की बात आई थी सामने उन्नाव की दोनों किशोरियों की पोस्टर्माटम रिपोर्ट में जहरीले पदार्थ के सेवन करने की बात सामने आई थी। मृत पाई गई दोनों लड़कियों के पोस्टमार्टम के लिए प्रशासन ने चार डॉक्टरों का पैनल बनाया था।
चार पैनल वाली डॉक्टरों की टीम का कहना था कि दोनों किशोरियों की मौत जहरीला पदार्थ का खाना खाने से हुई है। दोनों ने मौत से करीब 6 घंटे पहले खाना खाया था। दोनों के पेट में 100 से लेकर 80 ग्राम तक खाना मिला है। खाने में जहर होने की वजह से मौत हो हुई थी। मृत लड़कियों के शरीर पर चोट का कोई निशान नहीं मिला है।