उन्नाव की महिला बिहार में पति के घर के बाहर पांच दिन से धरने पर, पति अपनाने को तैयार नहीं
पीड़िता ने बताया कि 16 जुलाई से पति के घर व थाने की चक्कर लगा रही है। उसे न्याय नहीं मिल पाया है। पति फरार है। पुलिस दबिश से पति के घर के बरामदे में अपनी बच्ची के साथ शरण ले रखी है, लेकिन पति के घर वाले पीछा छुड़ाने के लिए उसे प्रताड़ित कर रहे हैं।
उन्नाव - तरैया (सारण)। उन्नाव की रहने वाली एक महिला बिहार के सारण जिला अंतर्गत तरैया के डुमरी छपिया गांव के निवासी व सेना के जवान सुनील कुमार महतो के घर के बाहर पिछले पांच दिनों से बैठी है। महिला उन्नाव जिले की गंगाघाट थाने के शुक्लागंज की रहने वाली है।
महिला का नाम ऐश्वर्या मिश्रा है। वह पांच दिनों से न्याय के लिए तरैया थाने का चक्कर लगा रही है। अब तक पति ने न तो फोन किया और न ही वह सामने आया है। महिला ने बताया कि उसकी सुनी महतो से उसकी मुलाकात हुई तो धीरे-धीरे दोनों में मोहब्बत हो गई। बाद में हम दोनों ने शादी कर लिया,यह बच्ची मेरी और सुनील की है चाहे जांच कराने के लिए बच्ची का डीएनए करा लो।
पीड़िता ने बताया कि 16 जुलाई से पति के घर व थाने की चक्कर लगा रही है। उसे न्याय नहीं मिल पाया है। पति फरार है। पुलिस दबिश से पति के घर के बरामदे में अपनी बच्ची के साथ शरण ले रखी है, लेकिन पति के घर वाले पीछा छुड़ाने के लिए उसे प्रताड़ित कर रहे हैं। वहीं थानाध्यक्ष राजीव रंजन सिंह ने बताया कि घर वाले स्वेच्छा से रखने में राजी नहीं हुए तो प्राथमिकी दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
मारपीट कर घायल कर दिया गया
ऐश्वर्या ने बताया कि उसे सोमवार की रात मारपीट कर घायल कर दिया गया। पति चोरी छिपे अपने घर वालों से बात करता है और उसने मेरे मोबाइल नंबर को ब्लाक कर दिया है। गांव वालों से भोजन मांगकर वह अपना व बच्ची का पेट भर रही है। वहीं पहली पत्नी माला महतो ने बताया कि उसके पति को जाल में फंसाकर वह ब्लैकमेलिंग कर रही थी। जब पति बात करना छोड़ दिए तो गले पड़ रही है।
माला ने कहा कि वह पति को बचाने के लिए कानूनी तौर पर लड़ाई लड़ेगी। उसने कहा कि उसके पति निर्दोष है। इधर, फौजी की दूसरी पत्नी ऐश्वर्या का कहना है कि फौजी व उसकी बच्ची की डीएनए जांच कराई जाए। अगर रिपोर्ट निगेटिव आती है तो वह पत्नी होने का दावा नहीं करेगी।
थानाध्यक्ष राजीव रंजन सिंह ने बताया कि आरोपी पति के स्वजन महिला को समझाने में लगे हैं, ताकि उसके द्वारा प्राथमिकी दर्ज न कराई जाए। वहीं महिला की दशा देखकर आसपास के लोग उसे पेट भरने के लिए कुछ न कुछ दे देते है, लेकिन घर वालों को उस पर तरस नहीं आ रहा है।
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