यूपीः 15 फरवरी से खुलेंगे सभी कालेज व विश्वविद्यालय,इन नियमों का करना होगा पालन

टीम भारत दीप |

कोविड-19 के प्रोटोकॉल नियमों का पालन करना होगा।
कोविड-19 के प्रोटोकॉल नियमों का पालन करना होगा।

यूपी के उच्च शिक्षा विभाग के अधीन संचालित सभी विश्वविद्यालय और महाविद्यालय 15 फरवरी से पूरी तरह खोलने का निर्णय लिया गया है। बताया गया कि इस दौरान सभी शिक्षकों व छात्र-छात्राओं के लिए फेस मास्क पहनना अनिवार्य किया गया है।

लखनऊ। कोरोना महामारी के कारण मची तबाही के बाद अब धीरे-धीरे चीजें पटरी पर लौटने लगी हैं। ऐसे में व्यवस्थाओं को भी अब धीरे-धीरे सुचारू रूप से दोबारा पटरी पर लाने का प्रयास किया जा रहा है। यूपी में तो कोरोना का असर करीब-करीब खत्म सा होता नजर आ रहा है। ऐसे में यहां काफी समय से बंद शिक्षण संस्थानों को पुनंः खोलने की तैयारी प्रशासनिक स्तर पर पूरी कर ली गई है।

इसी क्रम में यूपी के उच्च शिक्षा विभाग के अधीन संचालित सभी विश्वविद्यालय और महाविद्यालय 15 फरवरी से पूरी तरह खोलने का निर्णय लिया गया है। बताया गया कि इस दौरान सभी शिक्षकों व छात्र-छात्राओं के लिए फेस मास्क पहनना अनिवार्य किया गया है। इसके साथ ही कक्षाओं में छात्रों को छह फीट की दूरी पर बैठाते हुए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के निर्देश भी जारी किए गए हैं।

इस बाबत उच्च शिक्षा विभाग के विशेष सचिव अब्दुल समद ने शुक्रवार को इस संबंध में प्रदेश के सभी निजी व राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और निदेशक उच्च शिक्षा को पत्र भेजकर इसकी जानकारी दी है। उनके मुताबिक 17 नवंबर 2020 के शासनादेश को शिथिल करते हुए सभी शिक्षण संस्थाओं को 15 फरवरी से पूर्णरूपेण खोलने का निर्णय शासन द्वारा लिया गया है।

बताया गया कि शिक्षण संस्थानों को खोलने से पहले उन्हें पूरी तरह सेनेटाइज कराना होगा। वहीं संस्थानों में सेनेटाइजर, हैंडवाश, थर्मल स्कैनिंग व प्राथमिक उपचार की व्यवस्था भी करनी होगी। यदि किसी विद्यार्थी, शिक्षक या कर्मचारी को खांसी, जुकाम या बुखार के लक्षण हों तो उन्हें प्राथमिक उपचार देते हुए घर वापस भेज दिया जाए।

छात्रों या स्टाफ में कोविड-19 के लक्षण दिखाई देने पर तत्काल जांच कराई जाए और परिणाम का अभिलेखीकरण भी किया जाए। शासन द्वारा कहा है कि शिक्षण संस्थान में किसी भी बाहरी विक्रेता को परिसर के भीतर या प्रवेश द्वार पर कोई भी खाने की चीज बेचने की अनुमति नहीे होगी।

वहीं विभिन्न स्थानों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के लिए रोटेशन के आधार पर शिक्षकों व जागरूक छात्रों की ड्यूटी लगाने के निर्देश भी दिए गए हैं। वहीं छात्रावास परिसर, रसोई, डायनिंग हॉल, बाथरूम और शौचालयों में सेनेटाइजेशन एवं सोशल डिस्टेंसिंग के बारे में भी निर्देशित किया गया है।

शासन द्वारा निदेशक उच्च शिक्षा से कहा है कि कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित कराने के लिए किसी वरिष्ठ अधिकारी को नोडल अधिकारी नामित किया जाए। वहीं नोडल अधिकारी को नियमित रूप से शासन को इसकी रिपोर्ट भेजने के लिए निदेर्शित भी किया गया है। पत्र में कहा गया है कि नियमों में किसी भी तरह की कोई कोताही न बरती जाए अन्यथा इस पर सख्त कार्रवाई होगी।


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