यूपी विधानसभा चुनाव:सीतापुर के भाजपा विधायक अखिलेश से मिले तो कांग्रेस को धींगड़ा ने कहा अलविदा
मेरठ में कैंट विधानसभा से कांग्रेस के टिकट पर चार बार चुनाव लड़ चुके रमेश धींगड़ा ने कांग्रेस का हाथ छोड़ दिया। उनका कहना है कि अब पार्टी में कैद का अहसास होता है। 2 साल से कांग्रेस छोड़ने का मन बना रहा था। हालात बदलेंगे यह सोचकर रुका था। आज पार्टी छोड़ रहा हूं।
लखनऊ। यूपी में चुनाव पूर्व पार्टी बदलने का सिलसिला जारी है। जहां शनिवार को सपा छोड़कर लखीपुरखीरी का चर्चित चेहरा रितु सिंह ने कांग्रेस का हाथ थामा था, वहीं रविवार को सीतापुर के भाजपा विधायक अखिलेश यादव से मिले।
वहीं, मेरठ से पंजाबी चेहरा रमेश धींगड़ा ने कांग्रेस को अलविदा कह दिया, उनके भाजपा में जाने की कयास लगाए जा रहे है। हालांकि उन्होंने अभी भाजपा ज्वाइन नहीं की, लेकिन मोदी योगी की सराहना करके सकेंत जरूर दे दिए।
सीतापुर से भाजपा विधायक राकेश राठौर ने रविवार को सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की। हालांकि, उन्होंने इस मुलाकात को व्यक्तिगत ही बताया है। उनका कहना है कि इससे पार्टी का कोई लेना-देना नहीं है।
इस बीच मेरठ में कैंट विधानसभा से कांग्रेस के टिकट पर 4 बार चुनाव लड़ चुके रमेश धींगड़ा ने कांग्रेस का हाथ छोड़ दिया, उनका कहना है कि अब पार्टी में कैद का अहसास होता है। 2 साल से कांग्रेस छोड़ने का मन बना रहा था। हालात बदलेंगे यह सोचकर रुका था। आज पार्टी छोड़ रहा हूं।
योगी-मोदी की जोड़ी को सराहा
रमेश ने कांग्रेस छोड़ते समय कहा कि वर्तमान भाजपा सरकार में बहुत अच्छा काम हो रहा है। मोदी, योगीजी दोनों ने देश का विकास किया है। यूपी में आज कानून व्यवस्था बेलगाम नहीं है। पहले हमें कारोबार चलाना मुश्किल था।
धमकी मिलती थी कि कारोबार बंद करा देंगे, आज वो हाल नहीं हैं। योगी, मोदी किसानों, महिलाओं, कारोबारियों के लिए अच्छा काम कर रहे हैं। आज हम सुरक्षित महसूस करते हैं। धारा 370 को हटाने का विचार कभी कांग्रेस ने नहीं किया। जो देशहित में नहीं सोचते वो गद्दार हैं।
आपकों बता दें कि पंजाबी संगठन उत्तर प्रदेश के प्रदेशाध्यक्ष रमेश धींगड़ा के पार्टी छोड़ने से कांग्रेस को बड़ा झटका लगेगा। मेरठ में डेढ़ लाख पंजाबी वोटर हैं। अकेले कैंट में 50 हजार पंजाबी मतदाता हैं। पूरी पंजाबी बिरादरी में रमेश धींगड़ा की अच्छी पकड़ है।
समाज के लोगों में धींगड़ा का मजबूत जनाधार है। रमेश के जाने से ये वोटर भी कांग्रेस से छिटकेगा। वहीं पंजाबी समाज के कई बड़े चेहरों ने रमेश के पार्टी छोड़ते ही कांग्रेस को वोट न देने का ऐलान कर दिया है। इसका खामियाजा कांगेस को 2022 के चुनाव में भुगतना पड़ेगा। वहीं, भाजपा को इसका फायदा मिलेगा।
पंजाबी संगठन यूपी के चीफ पैटर्न दर्शन लाल मक्कड़ ने कहा कि हमने मिलकर तय किया है कि हम कांग्रेस को वोट नहीं देंगे। पूरे देश में 30 प्रतिशत पंजाबी हैं, लेकिन हम रमेश धींगड़ा के कारण कांग्रेस के साथ थे। अब वो मतदाता खफा है, इसलिए हम कांग्रेस को वोट नहीं देंगे।
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