सेल्फी से नहीं यूपी के बेसिक शिक्षकों के लिए आ रहा अटेंडेंस का दूसरा तरीका, टेंडर जारी

टीम भारत दीप |

बायोमैट्रिक टैबलेट (सांकेतिक तस्वीर)
बायोमैट्रिक टैबलेट (सांकेतिक तस्वीर)

विभागीय सूत्रों की मानें तो यह फैसला सेल्फी के विरोध के बाद ही लिया गया था। कोरोना संकट के कारण कार्रवाई में देरी हुई।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार के बेसिक स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों के लिए जब सेल्फी से अटेंडेंस का सिस्टम आया तो काफी बवाल हुआ था। शिक्षक सरकार के इस फैसले के खिलाफ लामबंद हो गए। महिला शिक्षकों ने तो इसमें निजता के हनन की बात तक कह डाली। 

ऐसे में सरकार को उस समय बैकफुट पर आना पड़ा। अब सरकार ने अटेंडेंस का दूसरा तरीका ईजाद कर लिया। उसके लिए टेंडर भी जारी कर दिए हैं। विभागीय सूत्रों की मानें तो यह फैसला सेल्फी के विरोध के बाद ही लिया गया था। कोरोना संकट के कारण कार्रवाई में देरी हुई। अब अगले सत्र से इसके लागू होने की योजना है। 

बता दें कि उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा निदेशालय ने एक टेंडर जारी किया है। यह टेंडर बायोमैट्रिक टैबलेट और उससे जुड़ी अन्य चीजों की खरीदारी के लिए है। आठ सितंबर से जारी इस टैबलेट के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों से आवेदन मांगे गए हैं। 

इनकी खरीदारी प्रेरणा डिजिटिल फे्रमवर्क को लागू करने के लिए ही की जारी है। प्रेरणा फे्रमवर्क के तहत ही ये नियम आया था कि शिक्षकों को स्कूल में उपस्थिति के लिए तीन बार सेल्फी लेकर हाजिरी देनी होगी। इस पर काफी विरोध हुआ। कई शिक्षकों ने इसके लिए मोबाइल न होने का हवाला दिया। 

ऐसे में सरकार ने सभी स्कूलों में टैबलेट उपलब्ध कराने की बात कही थी। निदेशालय से जुड़े सूत्रों ने बताया कि इस टैबलेट का प्रयोग बच्चों की आॅनलाइन पढ़ाई के साथ-साथ मिशन प्रेरणा की डाटा फीडिंग के लिए भी किया जाना है। प्रेरणा फे्रमवर्क्र में सभी सूचनाएं आॅनलाइन हैं, ऐसे में उनकी समय पर फीडिंग जरूरी है। 

इसके साथ ही बायोमैट्रिक टैबलेट को उपस्थिति के लिए भी प्रयोग किया जा सकता है। पहले शिक्षकों को सेल्फी से आपत्ति थी। ऐसे में अब बायोमैट्रिक अटेंडेस का विकल्प शिक्षकों के लिए रहेगा। संभव है, अगले सत्र से यह व्यवस्था लागू हो जाए। 


संबंधित खबरें