सीएम के निर्देश के बाद भी तबादले के लिए बेसिक शिक्षकों को करना होगा एक माह का इंतजार
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पश्चिमी उत्तर प्रदेश के आगरा, हाथरस, बरेली और मेरठ के शिक्षक सुदूर पूर्वांचल में बलरामपुर, बलिया, सिद्धार्थनगर आदि जनपदों में नौकरी कर रहे हैं।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग में लंबे समय से तबादले की राह देख रहे शिक्षकों को अभी एक माह का और इंतजार करना पड़ सकता है। बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से स्थानांतरण का जो कार्यक्रम जारी किया गया है, उसके पूरे होने में एक माह से अधिक समय निर्धारित किया गया है।
बता दें कि उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में कार्यरत शिक्षक अपने तबादले की राह देख रहे थे। सूबे में 72825 शिक्षकों की भर्ती में नियुक्त शिक्षकों के भी स्थानांतरण नहीं हुए। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के आगरा, हाथरस, बरेली और मेरठ के शिक्षक सुदूर पूर्वांचल में बलरामपुर, बलिया, सिद्धार्थनगर आदि जनपदों में नौकरी कर रहे हैं।
5 साल से अधिक समय होने के बाद भी इनकी तबादले की मांग काफी जोर पकड़ रही थी। वर्तमान सरकार ने तबादले की आॅनलाइन प्रक्रिया निर्धारित की जिसमें करीब 70 हजार शिक्षकों ने तबादले के लिए आवदेन किया है। इसमें से सरकार ने 54120 शिक्षकों के तबादले करने की बात कही है।
प्रदेश में जब बेरोजगारी को लेकर युवाओं का आंदोलन बढ़ा तो सरकार ने 69 हजार शिक्षक भर्ती के साथ इन तबादलों का भी आदेश जारी कर दिया। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ लगातार मांग कर रहा था कि 69 हजार शिक्षकों की भर्ती से पहले स्थानांतरण किए जाएं।
अब सरकार ने भर्ती को एक हफ्ते में पूरा करने और शिक्षकों के तबादले की घोषणा की है। अब अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने स्थानांतरण के लिए जो समय सारिणी जारी की है उससे अनुसार शिक्षकों के स्थानांतरण में एक माह से अधिक समय लगना तय है। वह भी तब जब स्थानांतरण की प्रक्रिया कोर्ट में न फंसे।
पूर्वांचल के जिले होंगे खाली
बेसिक शिक्षा से जुड़े सूत्रों ने बताया कि इन तबादलों के बाद पूर्वांचल के जिले में शिक्षकों के ज्यादातर पद खाली हो जाएंगे। यहां तैनात अधिकतर शिक्षकों में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शिक्षक हैं, ऐसे में उनके स्थानांतरण के बाद यहां से ज्यादा पद खाली होने की बात कही जा रही है।