सपा को 10 महीने पहले भी हरा चुके हैं मैनपुरी के भाजपा प्रत्याशी
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टीवी चैनलों को दिए अपने इंटरव्यू में और जनता से मुलाकात के दौरान रघुराज शाक्य लगातार यह कह रहे हैं कि नेताजी ने एक किसान के बेटे को सांसद बनाया। लेकिन आज की सपा नेताजी की सपा नहीं है।
ठंड पूरे देश को अपने आगोश में ले रही है लेकिन इस समय यूपी के मैनपुरी में सियायी तापमान बहुत ज्यादा है। समाजवादी पार्टी के संरक्षक और यूपी पूर्व मुख्यमंत्री रहे मुलायम सिंह यादव के निधन से खाली हुई लोकसभा की 21-मैनपुरी सीट पर उपचुनाव अब यूपी के विधानसभा चुनाव से भी ज्यादा रोचक हो गया है।
यहां भारतीय जनता पार्टी ने सपा के ही कद्दावर नेता रहे इटावा के पूर्व सांसद रघुराज सिंह शाक्य को मैदान में उतारा है। रघुराज सिंह शाक्य समाजवादी पार्टी के टिकट पर ही इटावा से दो बार लोकसभा चुनाव जीते थे। इसके बाद वे 2012 में इटावा सदर सीट पर सपा के विधायक भी रहे। लेकिन, अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी में रघुराज को वह सम्मान नहीं मिला जो मुलायम सिंह की समाजवादी पार्टी में मिला था।
टीवी चैनलों को दिए अपने इंटरव्यू में और जनता से मुलाकात के दौरान रघुराज शाक्य लगातार यह कह रहे हैं कि नेताजी ने एक किसान के बेटे को सांसद बनाया। लेकिन आज की सपा नेताजी की सपा नहीं है। उनका कहना है कि इटावा में उनके रहते कभी सपा को हार का मुंह नहीं देखना पड़ा। 2017 में अखिलेश यादव ने उन्हें टिकट नहीं दी। इसके बाद वे 2022 में भी अखिलेश की सपा से खाली हाथ ही लौटे।
भाजपा में यूं बनाया कद
रघुराज सिंह शाक्य इसी साल हुए यूपी विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। रघुराज सिंह कहते हैं कि भाजपा में हर कार्यकर्ता का सम्मान है। पार्टी में शामिल होने के बाद मुझे कभी ये महसूस नहीं होने दिया गया कि मैं दूसरी पार्टी से आया हूं। भाजपा ने हमेशा मेरा सम्मान किया है।
दरअसल फरवरी 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में इटावा सदर सीट पर भाजपा की सिटिंग एमएलए और प्रत्याशी सरिता भदौरिया को दोबारा जीत दिलाने में रघुराज शाक्य ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इससे उन्होंने ये पार्टी के सामने ये साबित कर दिया कि आज भी जनता के बीच अपनी पकड़ रखते हैं। उनके होने के कारण सपा के प्रत्याशी सर्वेश शाक्य को हार का मुंह देखना पड़ा था।
10 माह बाद डिंपल के सामने
इटावा की जीत के करीब 10 माह बाद भारतीय जनता पार्टी ने रघुराज शाक्य को मैनपुरी से लोकसभा का प्रत्याशी बनाया है। उनके सामने अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव चुनाव लड़ रही हैं। रघुराज शाक्य का कहना है कि मैनपुरी की जनता बदलाव चाहती है। इस बार मैनपुरी में लोकतंत्र की जीत होगी परिवारवाद की नहीं।