यूपी में ‘क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट’ अभी नहीं, कोविड से बचाव में सीएम ने प्राइवेट अस्पतालों को सराहा
मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को बताया कि क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट से संबंधित खामियां उनके संज्ञान में हैं तथा इस संबंध में राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को एक प्रस्ताव भेजा है।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अभी क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट लागू नहीं होने जा रहा है। इसमें मौजूद खामियों को लेकर प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार को पत्र लिखा है। यह आश्वासन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधायक डॉ. आरके वर्मा के नेतृत्व में उनसे मिलने रविवार को पहुंचे उत्तर प्रदेश नर्सिंग होम एसोसिएशन के एक प्रतिनिधिमंडल को दिया।
प्रतिनिधिमंडल ने क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट में खामियों को लेकर मुख्यमंत्री को संबोधित पत्र भी दिया है। एसोसिएशन के मंत्री डॉ. देवेश मौर्या के मुताबिक प्रतिनिधिमंडल में डॉ. एसके भसीन, एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. सुशील सिन्हा, डॉ. जीसी मक्कड, डॉ. अवनीश सक्सेना आदि शामिल रहे।
उनके मुताबिक मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को बताया कि क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट से संबंधित खामियां उनके संज्ञान में हैं तथा इस संबंध में राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को एक प्रस्ताव भेजा है। उन्होंने यह भी बताया कि इस बारे में उनकी पूर्व केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा से बात भी हुई थी।
मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि अभी यह एक्ट लागू नहीं होगा। अभी सरकार का सारा ध्यान कोविड पर है तथा सरकार अभी इस एक्ट को लागू नहीं कर रही है। डॉ. मौर्या ने बताया कि मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि आवासीय एरिया में नर्सिंग होम की समस्या को लेकर कोई कार्रवाई नहीं होगी।
वहीं उन्होंने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री ने इस कोविड काल में प्राइवेट अस्पताल के कार्यों की सराहना करते हुए आगे भी अच्छे कार्यों की अपेक्षा की।