हाथरस मामले में एक्शन में योगी, एसपी सहित सस्पेंड पुलिसकर्मियों पर इसलिए हुई कार्रवाई
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह आदेश एसआईटी की रिपोर्ट आने के बाद दिया। इस रिपोर्ट में सीएम को जानकारी मिली कि ये अफसर लगातार अपने बयान बदलते रहे।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के हाथरस में कथित गैंगरेप और दलित युवती की मौत के मामले में उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ अब एक्शन में हैं।
योगी सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए शुक्रवार शाम को वहां के पुलिस अधीक्षक, उपाधीक्षक, इंसपेक्टर व दो अन्य पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह आदेश एसआईटी की रिपोर्ट आने के बाद दिया। इस रिपोर्ट में सीएम को जानकारी मिली कि ये अफसर लगातार अपने बयान बदलते रहे। फिलहाल शामली के कप्तान विनीत जायसवाल को हाथरस का नया एसपी बनाया गया है।
बता दें कि हाथरस की घटना को लेकर यूपी सरकार की छीछालेदर उस समय हुई जब पुलिस ने जबरन रात में ढाई बजे पीड़िता का अंतिम संस्कार करा दिया। इसके बाद गांव में मीडिया के जाने पर पाबंदी लगा दी गई।
शुक्रवार को गांव में पहुंची एसआईटी ने मुख्यमंत्री को पहले दिन की रिपोर्ट सौंपीं। इसके आधार पर सीएम ने पीड़ित परिवार, आरोपी पक्ष व संबंधित पुलिस कर्मियों का पालीग्राफ व नार्को टेस्ट भी कराने के आदेश भी दिए हैं।
निलंबित किए जाने वालों में जिले के कप्तान विक्रांत वीर, क्षेत्राधिकारी रामशब्द, इन्सपेक्टर दिनेश कुमार वर्मा, वरिष्ठ उप निरीक्षक जगवीर सिंह व हेड मोहर्रिर महेश पाल शामिल हैं। मामले में हाथरस के जिलाधिकारी प्रवीण कुमार के निलंबन की भी खबरें आईं लेकिन राज्य सरकार ने इस बाबत अभी कोई फैसला नहीं किया है।
एसआईटी की रिपोर्ट से पता चला कि पीड़ित पक्ष, आरोपी और पुलिसकर्मी लगातार अपने बयान बदलते रहे। सभी के बयान आपस में विरोधी हैं। एसआईटी ने इस मुद्दे को प्रमुखता से अपनी जांच रिपोर्ट में उठाया है।
लिहाजा सच्चाई तक पहुंचने के लिए इन सभी के पालीग्राफ व नार्को टेस्ट कराए जाने के आदेश दिए गए हैं। यह पहली बार है जब मामले की तह तक पहुंचे का लिए इस तरह के परीक्षण कराने का फैसला किया गया।
इससे यह तय हो सकेगा कि कौन सच बोल रहा है। परीक्षण की कार्रवाई उच्च अधिकारियों की निगरानी में कराई जाएगी।