यूपी:'एस्मा' को तीसरी बार बढ़ाने पर भड़की 'भाकपा', यूं बोला योगी सरकार पर हमला
भाकपा के राज्य सचिव डा. गिरीश के मुताबिक कोविड प्रावधानों के नाम पर आम जनता, विपक्ष, मजदूर, किसान और सरकारी कर्मचारी सभी के अधिकारों को तानाशाही के पैरों तले रौंदा जा रहा है। कहा गया कि जिन तबकों ने भाजपा को सत्ता तक पहुंचाया।
लखनऊ। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल ने यूपी सरकार पर आरोप लगाया है कि संविधान और लोकतांत्रिक प्राविधानों के तहत चुन कर सत्ता में आयी भाजपा सरकार ने प्रदेश में लोकतंत्र को ताक पर रख दिया है। उनके मुताबिक मौजूदा समय में आपातकाल से भी बदतर हालात पैदा कर दिये हैं।
भाकपा के राज्य सचिव डा. गिरीश के मुताबिक कोविड प्रावधानों के नाम पर आम जनता, विपक्ष, मजदूर, किसान और सरकारी कर्मचारी सभी के अधिकारों को तानाशाही के पैरों तले रौंदा जा रहा है। कहा गया कि जिन तबकों ने भाजपा को सत्ता तक पहुंचाया। आज सरकार बड़ी बेशर्मी से उन्हीं पर हमले बोल रही है।
उनके मुताबिक सत्ताधारी, माफिया सरगना, पुलिस-प्रशासन के अधिकारी और अपराधी आदि को हर तरह के मनमानेपन की छूट दी गई है। उन्होंने बताया कि ताजे मामलों में प्रदेश में एस्मा को तीसरी बार बढ़ाने, किसानों पर मुकदमे लादने, मजदूरों को मजदूरी से वंचित रखने और शराब के रूप में मौत बांटने के हैं। बताया गया कि आज फिर अलीगढ़ में जहरीली शराब ने दर्जन भर लोगों की जान ले ली।
कहा गया कि राज्य सरकार द्वारा लागू की गयी कर्फ्यू प्रणाली ने मजदूरों का रोजगार पूरी तरह छीन लिया है। प्रदेश के 6 करोड़ मजदूर हाथ पर हाथ रखे बैठे हैं और उनके परिवार भूखों मर रहे हैं। सरकार जानलेवा शराब की दुकानें खुलवा रही है, पर मजदूरी पर पाबंदी लगा रखी है।
डॉ. गिरीश के मुताबिक पूरे साल धारा 144 लगाये रखने वाली सरकार ने शिक्षक कर्मचारी वर्ग की हड़ताल पर तीसरी बार पाबन्दी लगा दी है। ये सरकार के वे ही वफादार कर्मचारी हैं, जिन्होंने जान पर खेल कर पंचायत चुनावों में डयूटी की और सरकार की सनक को परवान चढ़ाया। बताया गया कि इससे कर्मचारी संगठनों में और भी गुस्सा फूट पड़ा है।
उनके मुताबिक सरकार उन किसानों को भी बख्शने को तैयार नहीं, जिन्होंने कोविड संकट में जान जोखिम में डाल कर देश के लिये खाद्यान्न, फल और सब्जियां पैदा कीं। 26 मई को काला दिवस मनाने वाले किसानों पर जगह—जगह मुकदमे लिखे गये हैं। अलीगढ़ में 8 किसानों पर मोदी का पुतला फूंकने पर अन्य दफाओं के अतिरिक्त UPSPA की धारा 6 के तहत केस दर्ज किया गया है।
जबकि उच्च न्यायालय ने स्पष्ट कहा है कि किसी का पुतला फूंकने पर उपर्युक्त कानून की धारा लागू नहीं होती। मगर मदान्ध सरकार संविधान, न्यायालय अथवा लोकमत किसी को सम्मान देने को तैयार नहीं। उन्होंने कहा कि सरकार को समझना होगा कि लोकतंत्र बिना लोकतांत्रिक अधिकारों के चल नहीं सकता और लोकतंत्र का अर्थ सिर्फ वोट देना नहीं है।
इन सबके बीच भाकपा ने एस्मा को तत्काल हटाने, किसानों पर लगे मुकदमे निरस्त करने, मजदूरों को मजदूरी का अवसर अथवा पगार देने तथा शराब और जहरीली शराब के मौत तांडव को रोकने की मांग की है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि आपातकाल से भी बदतर स्थितियां विस्फोटक बनी हुईं हैं, जो किसी बड़े जनांदोलन को जन्म दे सकती हैं।