यूपी के डिप्टी सीएम ने विपक्ष को बताया किसानों का दुश्मन, किसानों को लेकर कह दी ये बड़ी बात
विपक्ष को किसान विरोधी बताते हुए उन्होंने कहा कि किसान आन्दोलन के जरिए विपक्ष अपनी सियासी जमीन तलाशने में लगा है। वह किसानों के कंधे का इस्तेमाल कर किसान हित में आए कानूनों के विरोध में माहौल खड़ा कर अपनी सियासत चमकाने में जुटा है।
वाराणसी। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने विपक्ष पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने किसान आन्दोलन को लेकर विपक्ष पर हमलावर होते हुए कहा कि विपक्ष किसानों का जन्मजात दुश्मन है। विपक्ष को किसान विरोधी बताते हुए उन्होंने कहा कि किसान आन्दोलन के जरिए विपक्ष अपनी सियासी जमीन तलाशने में लगा है।
वह किसानों के कंधे का इस्तेमाल कर किसान हित में आए कानूनों के विरोध में माहौल खड़ा कर अपनी सियासत चमकाने में जुटा है। लेकिन जनता इन सबके झांसे में आने वाली नहीं। दरअसल उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या मंगलवार को वाराणसी के जंसा में आयोजित किसान सम्मेलन में भाग लेने के लिए पहुंचे थे।
इससे पहले उन्होंने पुलिस लाइन में पत्रकारों से बातचीत में ये बाते कही। उन्होंने समाजवादी पार्टी पर हमला करते हुए कहा कि ये समाप्त पार्टी है। साथ ही उन्होंने कहा कि जिस तरह बिहार में जंगल राज दोबारा नहीं आया वैसे ही यूपी में पुनः गुंडाराज वापस नहीं आएगा।
डिप्टी सीएम ने कहा कि मेरे हिसाब से पूरे देश के किसान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार द्वारा किसानों के हित में लाये गए किसान कानून का समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिन किसान भाइयों को थोड़ी भी आपत्ति है वो सरकार के पास आएं उनके द्वार हमेशा खुले हैं।
उन्हें जहां आपत्ति हो कानून में वो बताएं। किसानों का समर्थन कर रहे विपक्षी दलों को आड़े हाथ लेते हुए उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने कहा कि विरोधी दल किसानों के कंधे का इस्तेमाल करके सरकार पर प्रहार करने का रास्ता खोज रहे हैं। इनके पास अब दम नहीं बचा है।
ये कोई भी मुद्दा लेकर किसी के भी पीछे खड़े होकर के सरकार पर जो निशाना लगाने की कोशिश करते हैं। ये जन्मजात किसानों के दुशमन हैं और विरोधी हैं। उन्होंने कहा कि ये कभी किसानों के कभी हितैषी नहीं रहे, जो बातें इन्होने अपने घोषणा पत्र में कही है, उस बात से ही अब ये पीछे हट रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जिन बातों का ये सत्ता में रहकर समर्थन करते थे, आज जब सरकार ने निर्णय लिया है, जिससे किसान की खुशहाली सुनिश्चित है तो अब वो उसका विरोध कर रहे हैं।