यूपी:बिजली बिल के विरोध में लामबंद हुए इंजीनियर व कर्मचारी, 19 जुलाई से प्रदेश भर में शुरू करेंगे आन्दोलन
19 जूलाई से पूरे प्रदेश में इसको लेकर आंदोलन शुरू किया जाएगा। वहीं 10 अगस्त को कार्य बहिष्कार का निर्णय लिया गया है। दरअसल केंद्र सरकार मॉनसून सत्र में इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल लाने की तैयारी में है। इसके विरोध में यह आंदोलन शुरू होने जा रहा है। जानकारी के मुताबिक 19 जुलाई को राजधानी लखनऊ सहित सभी जिला मुख्यालयों पर विरोध सभाएं आयोजित की जाएंगी।
लखनऊ। इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल के विरोध में एक बार फिर से बिजली विभाग के इंजीनियर और कर्मचारी लामबंद होने लगे है। बताया गया कि 19 जूलाई से पूरे प्रदेश में इसको लेकर आंदोलन शुरू किया जाएगा। वहीं 10 अगस्त को कार्य बहिष्कार का निर्णय लिया गया है। दरअसल केंद्र सरकार मॉनसून सत्र में इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल लाने की तैयारी में है।
इसके विरोध में यह आंदोलन शुरू होने जा रहा है। जानकारी के मुताबिक 19 जुलाई को राजधानी लखनऊ सहित सभी जिला मुख्यालयों पर विरोध सभाएं आयोजित की जाएंगी। इधर आंदोलन के नेता शैलेन्द्र दुबे के मुताबिक 29 जुलाई को पीएम के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में बिजली कर्मियों का प्रान्तीय सम्मलेन होगा। इसमें प्रधानमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन भेजा जाएगा।
उनके मुताबिक केंद्र सरकार निजीकरण करने के लिए इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2021 को संसद के मानसून सत्र में लाने जा रही है। बताया गया कि इस बिल का बिजली कर्मचारियों और बिजली उपभोक्ताओं पर बड़ा असर पड़ेगा। कहा गया कि बिल पर बिजली कर्मचारियों और बिजली उपभोक्ताओं से कोई राय नहीं ली गई है। सिर्फ औद्योगिक घरानों से ही विचार विमर्श हुआ है।
उन्होंने बताया कि इस प्रकार केंद्र सरकार की इस एकतरफा कार्रवाई से बिजली कर्मियों में भारी गुस्सा है। वहीं बिजली कर्मियों की यह मांग है इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2021 को जल्दबाजी में संसद से पारित कराने के बजाय इसे बिजली मामलों की लोकसभा की स्टैंडिंग कमेटी को भेजा जाए। ताकि स्टैंडिंग कमेटी के समक्ष बिजली कर्मी और उपभोक्ता अपना पक्ष रख सकें।
गौरतलब है कि इस बिल का पिछले साल भी विरोध हुआ था। इसमें कर्मचारियों और इंजीनियरों ने कार्य बहिष्कार किया था। बताया जा रहा है कि इस बिल के विरोध में बिजली विभाग से जुड़े कर्मचारी और इंजीनियर संगठन एक मंच पर आ चुके है। छोटे- बड़े करीब 10 से ज्यादा संगठन भी इस आंदोलन में शामिल हैं।
बताया गया कि बिजली कर्मचारियों की मांग है कि इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल 2021 वापस लिया जाए। साथ ही ग्रेटर नोएडा के निजीकरण और आगरा का फ्रेंचाइजी करार को कैंसिल किया जाए। अगली मांग के क्रम में केरल के केएसईबी लिमिटेड और हिमाचल प्रदेश के एचपीएसईबी लिमिटेड की तरह उत्तर प्रदेश में भी सभी बिजली निगम का एकीकरण कर यूपीएसईबी लिमिटेड का गठन किया जाए।
वहीं बिजली कर्मियों को पुरानी पेंशन दी जाए। बहरहाल बिल के खिलाफ बिजली कर्मी लगातार लामबंद हो आन्दोलन की रणनीति बनाने में जुट गए हैं।