महंगाई को रोकने के लिए यूपी सरकार बेचेगी आलू-प्याज, इतने होंगे दाम
उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक सहकारी विपणन संघ के प्रबंध निदेशक डॉक्टर आरके गौतम के मुताबिक वैन के जरिए प्याज 55 रुपए और आलू 36 रुपए प्रति किलो लोगों को मुहैया कराया जाएगा।
लखनऊ। एक बार फिर महंगाई डायन बनती जा रही है। आलू और प्याज के दाम आसमान छूने लगे हैं। इससे आम लोगों की जेब पर पड़ रहे बोझ से हलकान योगी सरकार लोगों की इस समस्या से निपटने को नई रणनीति बनाई है।
इसी कड़ी में अब योगी सरकार ने मोबाइल वैन से सस्ती दरों पर आलू-प्याज बेचने का फैसला लिया है। मंडी परिषद ने राजधानी वैन का संचालन शुरू किया है। उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक सहकारी विपणन संघ के प्रबंध निदेशक डॉक्टर आरके गौतम के मुताबिक वैन के जरिए प्याज 55 रुपए और आलू 36 रुपए प्रति किलो लोगों को मुहैया कराया जाएगा।
वहीं व्यापारियों का अनुमान है कि एक नवंबर तक कोल्ड स्टोर से सारा आलू बाहर निकालने के एक दो दिनों में ही आलू की कीमतों में गिरावट शुरू हो जाएगी। पंजाब से आलू की आवक भी होने वाली है।
सितंबर में उत्तर प्रदेश के मंडियों में बंगलूरू से नए आलू की आपूर्ति शुरू हो जाती है। अक्टूबर में उत्तराखंड और हिमाचल का आलू भी मंडियों में आ जाता है। इससे प्रतिवर्ष अक्टूबर में आलू की कीमतें कम हो जाती हैं।
इस बार बरसात के चलते बंगलूरू से आलू की आपूर्ति में बाधा आन पड़ी और पहाड़ से आने वाला आलू यूपी की मंडियों के बजाय दिल्ली व अन्य मंडियों में पहुंच रहा है। वहीं बाजारों में मीठी मटर आनी शुरू हो गयी है। लखनऊ की मंडियों में फिलवक्त हल्द्वानी से मटर आ रही है।
यह मटर मीठी और स्वादिष्ट जरूर है, लेकिन कीमत के मामले में भी काफी आगे है। थोक मंडी में मटर की थोक कीमत 100 से 121 रुपए किलो तक है, जोकि फुटकर मंडी में आते-आते 150 रुपए किलो तक पहुंच जाती है। वहीं सब्जियों के दामों में अचानक से आये उछाल ने लोगों की दुश्वारियां बढ़ा दीं।
राजधानी लखनऊ में प्याज 70 रुपये प्रति किलो और आलू 50-55 रुपये में बेचा जा रहा है। दो दिन पहले 27 अक्टूबर को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने सब्जियों के बढ़े भाव को लेकर योगी सरकार को घेरा था।
प्रियंका ने ट्वीट कर लिखा था कि पूरे उत्तर प्रदेश में त्योहारों के सीजन में महंगाई आम लोगों पर कहर बनकर टूट पड़ी है। सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं। काम-धंधे पहले से ठप्प पड़े हैं। लेकिन, करोड़ों रुपए झूठे प्रचार में खर्च करने वाली भाजपा सरकार जनता की परेशानियों पर चुप्पी साधे हुए है।