महामुकाबले की तैयारी में यूपी, केजरीवाल के बाद ओवैसी ने दी उत्तर प्रदेश में दस्तक

टीम भारत दीप |
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ओवैसी जितनी दमदारी से मैदान में उतरेंगे, उतना ही वोटों का ध्रुवीकरण होगा।
ओवैसी जितनी दमदारी से मैदान में उतरेंगे, उतना ही वोटों का ध्रुवीकरण होगा।

ओवैसी का यह दौरा उत्तर प्रदेश की राजनीति को नया मोड़ दे सकता है। जानकारी के लिए बता दे कि ओवैसी ने साल 2017 के चुनाव में यूपी में 34 सीटों पर चुनाव लड़ा था लेकिन एक भी सीट पर सफलता नहीं मिली थी।साल 2017 और 2022 में बहुत फर्क आ चुका है।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में होने है, लेकिन अभी से राजनीतिक दल अपनी-अपनी गोटी ​बैठाने में जुट गए है। अभी तक यूपी के रण में भाजपा सपा बसपा और कांग्रेस ही थी।

अब आप के सुप्रीमों अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को यूपी विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। इसके बाद बुधवार को एआईएमआईएम (ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी लखनऊ पहुंचे।

लखनऊ में ओवैसी ने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष व पूर्व में योगी सरकार के सहयोगी रहे ओम प्रकाश राजभर से मुलाकात की है। इस दौरान ओवैसी ने कहा कि मैं नाम बदलने नहीं, दिलों को जीतने आया हूं।

उनका यह तंज भाजपा पर था। दरअसल, हैदराबाद नगर निगम चुनाव में भाजपा ने हैदराबाद का नाम भाग्य नगर करने की चर्चा की थी।कयास लगाए जा रहा है कि ओवैसी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के अध्यक्ष शिवपाल यादव से भी मिल सकते हैं।

ओवैसी का यह दौरा उत्तर प्रदेश की राजनीति को नया मोड़ दे सकता है। जानकारी के लिए बता दे कि ओवैसी ने साल 2017 के चुनाव में यूपी में 34 सीटों पर चुनाव लड़ा था लेकिन एक भी सीट पर सफलता नहीं मिली थी।साल 2017 और 2022 में बहुत फर्क आ चुका है। इस बार मैदान में आप है, और सपा- बसपा भी पूरे दम के साथ मैदान में उतरेगी। 

ओवैसी करेंगे वोट का ध्रुवीकरण

 ओवैसी जितनी दमदारी से मैदान में उतरेंगे, उतना ही वोटों का ध्रुवीकरण होगा। यूपी की कई सीटों पर मुस्लिम वोट निर्णायक की भूमिका में है। मालूम हो कि मुस्लिम वोटों पर सपा, बसपा और कांग्रेस पहले से गिद्ध नजर लगाए बैठी है, ऐसे में औवैसी की इंट्री मुकाबला और कड़ा होगा। जितना मुस्लिम वोटों का बंटवारा होगा, उतना फायदा बीजेपी को होगा। 

ओवैसी पर वोट काटने का आरोप

बिहार चुनाव के परिणाम आने के बाद महागंठबंधन की हार का ठीकरा कई विशेषज्ञयों ने वोट बंटने को बताया। कई विशेषयों ने इस बंटवारे को औवैसी को जिम्मेदार बताया था, लोगों का मानना है कि ओवैसी ने आठ सीटे तो जीती ही कई सीटों पर महागठबंधन के उम्मीदवारों को हरा दिया था। अब केजरीवाल के आने के बाद वोटों का बंटवारा और अधिक होगा। 

भागीदारी संकल्प मोर्चा के साथ मिलकर लड़ेंगे

सुहेलदेव समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने बताया कि उत्तर प्रदेश के 2022 चुनाव में हमारा 8 दिनों का भागीदारी संकल्प मोर्चा है। जिसमें हम संयुक्त मोर्चे के साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे।

इसी मोर्चे में ओवैसी भी शामिल हुए हैं। भागीदारी संकल्प मोर्चे में राष्ट्रीय अध्यक्ष जन अधिकार पार्टी के बाबू सिंह कुशवाहा, राष्ट्रीय अध्यक्ष अपना दल कृष्णा पटेल, भारत माता पार्टी रामसागर बिंद, राष्ट्र उदय पार्टी बाबू रामपाल, राष्ट्रीय भागीदारी पार्टी (पी) प्रेमचंद प्रजापति भारतीय वंचित समाज पार्टी रामकरण कश्यप ।

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी संकल्प मोर्चे में शामिल हुई है। बता दें कि दिसंबर 2019 में ओमप्रकाश राजभर ने भागीदारी संकल्प मोर्चे का गठन किया था। तब केवल पांच दल इसमें शामिल थे।


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