शिक्षक दिवस विशेषः देश के हर गर्ल्स कालेज को डाॅ. शालिनी अग्रवाल जैसी प्रिंसिपल मिलें
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कालेज ज्वाइन करने के दौरान का विद्यालय और आज के केआर कालेज में जमीन आसमान का अंतर है। यह सब उन्होंने अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति और अनुशासन के बलबूते पर कर पाया।
एजूकेशन डेस्क। भगवान कृष्ण की नगरी मथुरा में बसा ख्याति प्राप्त किशोरी रमण गर्ल्स इंटर कालेज एक बार फिर चर्चा में है। उत्तर प्रदेश सरकार ने विद्यालय की प्रधानाचार्य डाॅ. शालिनी अग्रवाल को राज्य अध्यापक पुरस्कार के लिए चयनित किया है।
शालिनी अग्रवाल पुरस्कार के लिए श्रेय अनुशासन को देती हैं। उनके कालेज ज्वाइन करने के दौरान का विद्यालय और आज के केआर कालेज में जमीन आसमान का अंतर है। यह सब उन्होंने अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति और अनुशासन के बलबूते पर कर पाया। इसमें उन्हें सामाजिक संस्थाओं और अधिकारियों का भी सहयोग मिला।
यही कारण है कि आज मथुरा के इस गर्ल्स कालेज में शहर के सभी एडेड कालेजों से अधिक छात्राएं अध्ययन कर रही हैं। डाॅ. शालिनी के प्रयास उन्हें राज्य अध्यापक पुरस्कार का सच्चा हकदार बनाते हैं।
बदलाव की शुरुआत
डाॅ. शालिनी अग्रवाल बताती हैं कि उन्होंने 9 जुलाई 2011 को केआर गर्ल्स इंटर कालेज में बतौर प्रधानाचार्य के पद पर ज्वाइन किया। इससे पहले वे 1997 से 2011 तक प्रतापगढ़ में प्रवक्ता के पद पर कार्यरत थीं। जब वह यहां आई तो यहां विद्यालय की इमारत जर्जर अवस्था में थी। सिर्फ 4-5 कमरे ही सही थे। टाॅयलेट्स नहीं थे। इससे छात्राओं को परेशानी होती थी।
कमरे न होने के कारण छात्राएं कक्षा में बैठ नहीं पाती थीं। इससे अनुशासन बिगड़ा और मैदान में घूमना उनकी आदत बन गया। बिना किसी कारण घर चले जाना। कक्षा के दौरान कक्षा में न बैठना, खेल व सांस्कृतिक गतिविधियों में प्रतिभाग न करना आम बातें थीं।
इसे देखकर उन्होंने सख्ती दिखाई और सभी छात्राओं के लिए कक्षावार अलग-अलग रंग के पहचान पत्र बनवाए। इससे छात्रा की कक्षा की पहचान आसानी से हो जाती थी और उसे टोका जा सका। कार्ड पर एक तरफ छात्रा का फोटो और प्रोफाइल तो दूसरी ओर परिजन के साथ छात्रा का फोटो लगवाया। परिवारीजन का मोबाइल नंबर भी लिखा। इससे माहौल में सुधार आने लगा।
यूं बढ़ा उत्साह
प्रधानाचार्य शालिनी अग्रवाल बताती हैं कि सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से उन्होंने विद्यालय में शौचालयों का निर्माण कराया। कमरों की मरम्मत कराई। इसके अलावा हर माह टेस्ट आयोजित करके प्रथम आने वाले बच्चों को पुरस्कृत किया।
टेस्ट में परफार्मेंस के आधार पर छात्राओं को कक्षावार सेक्शन ए, बी, सी अलाॅट किए। इससे छात्राओं में प्रतिस्पर्धा बढ़ी और परिणाम यह हुआ कि विद्यालय की छात्रा ने यूपी बोर्ड टाॅप 10 में अपना स्थान बनाया। जिले की टाॅप टेन लिस्ट में विद्यालय की 4 छात्रा रहीं।
अंतर्राष्ट्रीय फलक तक बजा डंका
डाॅ. शालिनी अग्रवाल के अनुसार शैक्षणिक सुधार के साथ-साथ छात्राओं ने सांस्कृतिक और खेलकूद की गतिविधियों में प्रतिभाग करना शुरू किया। वर्ष 2017 के यूपी कला उत्सव में कालेज की छात्राएं लखनऊ में तृतीय स्थान पर रहीं।
इंस्पायर अवार्ड प्रदर्शनी में विद्यालय की छात्राओं ने राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिभाग किया। अब केआर कालेज की छात्राएं खेलकूद में भी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना रही हैं।
सबसे ज्यादा नामांकन वाला स्कूल
प्रधानाचार्या शालिनी अग्रवाल के प्रयासों और छात्राओं की मेहनत की चर्चा जब शहर में फैली तो अभिभावकों में इस कालेज में अपनी बच्चियों का प्रवेश कराने के लिए होड़ मच गई। आज जहां एडेड कालेजों में छात्राओं की संख्या लगातार घट रही है, वहीं केआर गल्र्स कालेज में करीब 2475 छात्राएं पढ़ रही हैं। शालिनी अग्रवाल की ज्वाइनिंग के समय 1500 ही छात्राएं नामांकित थीं।
प्रधानाचार्य बताती हैं कि अब सरकार के सहयोग से कालेज में बृज कायाकल्प के तहत लगभग 35 लाख रुपये के निर्माण स्वीकृति मिल गई है। इससे कालेज का लुक ही बदल जाएगा। अभी इसकी डीपीआर तैयार हो रही है।