यूपी: पीएम मोदी के मंत्री ने ट्वीट कर लगाई बेड की गुहार,प्रशासन में मचा हड़कंप, बाद में दी ये सफाई
केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह ने रविवार को अपनी पोस्ट के जरिए गाजियाबाद के DM से एक बेड मुहैया कराने की अपील की। बताया गया कि इस पोस्ट के बाद यह खबर फैल गई कि वीके सिंह ने अपने भाई के लिए बेड मांगा है। हालांकि बाद में केन्द्रीय मंत्री ने साफ किया कि उन्हें अपने भाई के लिए नहीं, बल्कि किसी और के लिए बेड की व्यवस्था करने को कहा गया था।
गाजियाबाद। कोरोना के कहर में इस बार आम और खास सब इस त्रासदी को झेल रहे हैं। ऐसे हालातों में पीएम मोदी द्वारा बेकाबू हालात को काबू में लाने के लिए दिया जा मंत्र भी कोरोना के कहर में बेबस नजर आ रहा है। हालात इतने गंभीर हो चुके हैं कि केंद्र सरकार के मंत्रियों को भी एक बेड के लिए सोशल मीडिया पर गुहार लगानी पड़ रही है।
दरअसल मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह ने रविवार को अपनी पोस्ट के जरिए गाजियाबाद के DM से एक बेड मुहैया कराने की अपील की। बताया गया कि इस पोस्ट के बाद यह खबर फैल गई कि वीके सिंह ने अपने भाई के लिए बेड मांगा है।
हालांकि बाद में केन्द्रीय मंत्री ने साफ किया कि उन्हें अपने भाई के लिए नहीं, बल्कि किसी और के लिए बेड की व्यवस्था करने को कहा गया था। बताया गया कि केन्द्रीय मंत्री की पोस्ट के बाद प्रशासन में भी हड़कंप मच गया।
जिसके बाद गाजियाबाद से ही सांसद वीके सिंह ने लिखा कि मैंने पोस्ट केवल इसलिए डाली थी, ताकि जिला प्रशासन पीड़ित तक पहुंचकर मदद कर सके। उनके मुताबिक उन्होंने जिसके लिए पोस्ट की थी, वो मेरे भाई नहीं हैं। और न ही उनका खून का रिश्ता है, लेकिन इंसानियत का रिश्ता जरूर है।
कहा गया कि उन्हें लगता है कि यह तरीका कुछ लोगों को रास नहीं आया। उधर वीके सिंह की पोस्ट के कुछ देर बाद उनके खिलाफ चुनाव लड़ चुकीं कांग्रेस नेता डॉली शर्मा द्वारा कहा गया कि जिस मरीज के लिए बेड का इंतजाम करने को कहा गया था, उसे हापुड़ के अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है।
उत्तर प्रदेश में वीकेंड लॉकडाउन लागू है, जो सोमवार सुबह 7 बजे खत्म होगा। वहीं इस बीच आशंकाएं तेज है कि सरकार लॉकडाउन का समय बढ़ा सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने रविवार को कहा कि हमारी प्रतिदिन मुख्यमंत्री से वर्चु्अल बैठक होती है।
बताया गया कि मामलों की संख्या को देखते हुए और हर जिले में किस तरह प्रबंधन हो रहा है। इसको ध्यान में रखकर इस पर फैसला लिया जा सकता है।