मुख्तार को किसी भी हाल में छोड़ने को तैयार नहीं यूपी पुलिस, बेटों पर शिकंजे के साथ चल रही ये कार्रवाई
पुलिस ने दोनों बेटों पर 25-25 हजार का इनाम भी घोषित किया है। वहीं पुलिस मुख्तार अंसारी के खिलाफ भी वारंट जारी कराकर पंजाब जेल से यूपी की जेल में ला सकती है।
लखनऊ। बाहुबली मुख्तार अंसारी और उसके परिवार पर पुलिस शिकंजा कसती जा रही है। बेटे अब्बास अंसारी और उमर अंसारी के खिलाफ पुलिस ने कोर्ट में गैर-जमानती वारंट की अर्जी डाली है।
दोनों के ही खिलाफ लखनऊ के हजरतगंज कोतवाली में जालसाजी का मुकदमा दर्ज है। पुलिस ने दोनों बेटों पर 25-25 हजार का इनाम भी घोषित किया है। वहीं पुलिस मुख्तार अंसारी के खिलाफ भी वारंट जारी कराकर पंजाब जेल से यूपी की जेल में ला सकती है।
बता दें कि मुख्तार अंसारी और उसके बेटों पर दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा कर सरकारी जमीन कब्जा करने का आरोप है। अब पुलिस, मुख्तार और दोनों बेटों के नाम दर्ज अवैध संपत्तियों की पड़ताल कर रही है। लखनऊ विकास प्राधिकरण और लखनऊ जिला प्रशासन के उन कर्मचारियों की भूमिका को लेकर भी पड़ताल हो रही है, जिन्होंने मुख्तार और उसके बेटो को मदद पहुंचाई।
पुलिस ने मुख्तार का बी वारंट भी जारी कराकर पंजाब की जेल में तामील कराया है। अब मुख्तार को पूछताछ के लिए यूपी लाने की कोशिश की जा रही है।
बताया जा रहा है कि 21 सितंबर को मुख्तार अंसारी को पुलिस लखनऊ ला सकती है। इसके साथ ही एफआईआर के बाद से फरार अब्बास और उमर की तलाश भी जारी है।
ये है पूरा मामला
दरअसल, अमर और अब्बास पर कार्रवाई हजरतगंज के डालीबाग में सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण कराने के मुकदमे में की गई है। ये दोनों टॉवर एलडीए के दस्ते ने 27 अगस्त को ढहा दिए थे।
जियामऊ के लेखपाल सुरजन लाल ने मुख्तार अंसारी और उनके बेटे उमर और अब्बास के खिलाफ हजरतगंज कोतवाली में जालसाजी, साजिश रचने, जमीन पर अवैध कब्जा करने के आरोप में केस दर्ज कराया था।
दरअसल, ये जमीन मोहम्मद वसीम की थी। सरकारी दस्तावेजों के मुताबिक वसीम साल 1952 में पाकिस्तान चला गया तो संपत्ति निष्क्रांत यानी शत्रु संपत्ति के रूप में दर्ज हो गई। वहीं इस जमीन के फर्जी दस्तावेज बनाकर मुख्तार के बेटों ने वहां कब्जा करके दो टॉवर का निर्माण करा लिया था। जमीन पर एक मस्जिद भी बना ली थी।