यूपी की सियासत: मतगणना में गड़बड़ी करने वालों को गोली मारने का आदेश
जिलों में ईवीएम को लेकर सपा समर्थकों की तरफ से हंगामा किया जा रहा है। वाराणसी में प्रशिक्षण वाले ईवीएम को लेकर सपाइयों ने जमकर हंगामा काटा, जबकि यह ईवीएम न तो स्ट्रांग रूम से निकाला गया था और न ही वहां रखने के लिए जा ही रहा था। बावजूद इसके सपा समर्थकों ने हंगामा करते हुए प्रशासन पर ईवीएम बदलने के आरोप तक लगा डाले।
लखनऊ। यूपी विधानसभा चुनाव में मतदान के बाद अब मतगणना की तैयारी अंतिम पड़ाव में चल रही है। गुरुवार सुबह से मतगणना शुरू हो जाएगी इस दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए बड़ा आदेश जारी किया गया है। जारी आदेश के अनुसार मतगणना के दौरान गड़बड़ी करने वालों को सीधे गोली मारने का आदेश जारी किया गया है।
दरअसल प्रदेश के कुछ जिलों में ईवीएम को लेकर सपा समर्थकों की तरफ से हंगामा किया जा रहा है। वाराणसी में प्रशिक्षण वाले ईवीएम को लेकर सपाइयों ने जमकर हंगामा काटा, जबकि यह ईवीएम न तो स्ट्रांग रूम से निकाला गया था और न ही वहां रखने के लिए जा ही रहा था। बावजूद इसके सपा समर्थकों ने हंगामा करते हुए प्रशासन पर ईवीएम बदलने के आरोप तक लगा डाले।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव प्रेस कांफ्रेंस कर लोकतंत्र की दुहाई देने लगे। वहीं मतगणना शांतिपूर्ण कराने के लिए प्रशासन पूरी तरह से तैयार है। पूरे प्रदेश में बवाल होते देख चुनाव आयोग ने संबंधित जिलों के पुलिस प्रशासन को सख्त आदेश जारी किया है।
इसी क्रम में कानपुर देहात के जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह गुरुवार को होने वाली मतगणना के संदर्भ में प्रेस कांफ्रेंस कर जानकारी दे रहे थे। इस दौरान उनके साथ एसपी स्वप्निल ममगई भी मौजूद थे। एसपी ने कहा कि मतगणना के दौरान किसी भी तरह अफवाह फैलाकर माहौल खराब करने की कोशिश करने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा।
मतगणना स्थल पर सुरक्षा व्यवस्था में गड़बड़ी या भ्रामक खबर फैलाने वालों को देखते ही गोली मारने का आदेश दिया गया है। प्रदेश में पहली बार ऐसा हुआ है कि मतगणना के दौरान उपद्रव करने वालों को गोली मारने का आदेश दिया गया है। मतगणना प्रक्रिया को प्रभावित करने वालों को गोली मारने का आदेश काफी चौंकाने वाला फैसला है।
लखनऊ जोन में सबसे ज्यादा एफआईआर दर्ज
उत्तर प्रदेश पुलिस के मुताबिक वर्ष 2017 की अपेक्षा इस बार विधानसभा चुनाव में काफी कम हिंसक घटनाएं हुई हैं। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में करीब 97 चुनावी हिंसक घटनाएं हुई थीं। वहीं इस बार कुल 33 हिंसक घटनाएं हुई हैं।
यूपी पुलिस के आंकड़ों के अनुसार गत 9 जनवरी को आचार संहिता लागू होने के बाद से प्रदेश में 1339 एफआईआर दर्ज की गई, इनमें सबसे ज्यादा 261 एफआईआर लखनऊ जोन में दर्ज की गई हैं। इसके अलावा कानपुर में सबसे ज्यादा कैश पकड़ी गई है।
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