यूपी: प्रियंका का आरोप, मौत के आंकड़े छिपाकर इमेज मेकिंग में जुटी सरकार, न्यायालय की निगरानी में जांच की मांग

टीम भारत दीप |

प्रियंका गांधी ने कहा कि सूबे की योगी सरकार अपनी इमेज मेकिंग में जुटी है।
प्रियंका गांधी ने कहा कि सूबे की योगी सरकार अपनी इमेज मेकिंग में जुटी है।

कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने गुरुवार को योगी सरकार पर निशाना साधा है। उनके मुताबिक यूपी में हद से ज्यादा अमानवीयता हो रही है। कहा गया कि सरकार अपनी इमेज बनाने में व्यस्त है और जनता की पीड़ा असहनीय हो चुकी है। उन्होंने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के जज की निगरानी में जांच की मांग उठाई है।

लखनऊ। कोरोना के कहर के बीच मरने वालों के आंकड़े छिपाने का आरोप लगाते हुए प्रियंका गांधी ने कहा कि सूबे की योगी सरकार अपनी इमेज मेकिंग में जुटी है। उन्होंने न्यायालय की निगरानी में जांच की मांग भी उठाई है। दरअसल कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने गुरुवार को योगी सरकार पर निशाना साधा है।

उनके मुताबिक यूपी में हद से ज्यादा अमानवीयता हो रही है। कहा गया कि सरकार अपनी इमेज बनाने में व्यस्त है और जनता की पीड़ा असहनीय हो चुकी है। उन्होंने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के जज की निगरानी में जांच की मांग उठाई है।

जानकारी के मुताबिक प्रियंका गांधी ने यह भी कहा कि खबरों के अनुसार बलिया और गाजीपुर में गंगा नदी में शव बह रहे हैं जबकि उन्नाव में नदी किनारे सैकड़ों शवों को दफनाया गया है। बताया गया कि इसके अलावा लखनऊ, गोरखपुर, झांसी और कानपुर जैसे शहरों में भी मौत के आंकड़े को कई गुना कम करके बताया जा रहा है।

प्रियंका ने कहा कि कोरोना मरीजों की मौत के मामले में उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की मॉनिटिरिंग में तुरंत जांच की जानी चाहिए। गौरतलब है कि यूपी समेत देशभर में दूसरी लहर के चलते कोरोना मरीजों की काफी मौतें हो रही हैं। जानकारी के अनुसार सूबे के कई जिलों में सरकारी आंकड़ों से ज्यादा कोरोना मरीजों की मौत के आंकड़ों की बात कही जा रही है।

उधर कानपुर के श्मशान घाटों में सरकारी आंकड़ों से 5 गुना ज्यादा अंतिम संस्कार के लिए पहुंच रहे हैं। इधर राजधानी लखनऊ में 10 दिनों में 1500 मरीजों का अंतिम संस्कार हुआ है। जबकि सरकारी आंकड़ा कुछ और ही बयां कर रहा है। बताया गया कि झांसी में तो सरकारी रिकॉर्ड में मौतें ही दर्ज नहीं हो रही है। वहीं गोरखपुर में भी सरकारी रिकॉर्ड से 15 गुना अधिक मौतें की बात सामने आ रही है।


 


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