यूपी: फिर बढ़ी मंत्रीमंडल विस्तार की अटकलें, 18 दिनों में राज्यपाल से दूसरी बार मिले सीएम योगी
अपडेट हुआ है:
इस मुलाकात को प्रदेश मंत्रिमंडल के विस्तार की संभावनाओं से जोड़कर देखा जा रहा है। चर्चाएं तेज हैं कि कैबिनेट मंत्री चेतन चौहान, कमला रानी वरूण और विजय कश्यप के निधन के बाद यूपी मंत्रिमंडल में कई स्थान रिक्त हुए हैं। माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव में महज कुछ माह ही शेष रह जाने के मद्देनजर राजनीतिक समीकरण साधने के लिए मंत्रिमंडल का जल्द ही विस्तार किया जा सकता है।
लखनऊ। बीते कई दिनों से भाजपा में सियासी उठापटक की अटकलों के बीच एक बार फिर से योगी मंडिमंडल विस्तार को लेकर अटकलें तेज हो गई है। जानकारी के मुताबिक शनिवार को सीएम योगी ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात की है। इस मुलाकात को प्रदेश मंत्रिमंडल के विस्तार की संभावनाओं से जोड़कर देखा जा रहा है।
चर्चाएं तेज हैं कि कैबिनेट मंत्री चेतन चौहान, कमला रानी वरूण और विजय कश्यप के निधन के बाद यूपी मंत्रिमंडल में कई स्थान रिक्त हुए हैं। माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव में महज कुछ माह ही शेष रह जाने के मद्देनजर राजनीतिक समीकरण साधने के लिए मंत्रिमंडल का जल्द ही विस्तार किया जा सकता है।
गौरतलब है कि इससे पहले राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और सीएम योगी आदित्यनाथ ने 27 मई को मुलाकात की थी। मौजूद जानकारी के मुताबिक तब दोनों के बीच बैठक 50 मिनट तक चली थी। इस दरम्यान सीएम योगी ने राज्यपाल को कोरोना की तीसरी लहर को लेकर किए गए इंतजामों के बारे में जानकारी दी थी।
बताया गया कि इसके साथ ही कोरोना को लेकर मौजूदा हालातों से भी उन्हें अवगत कराया था। वहीं कोरोना काल में 18 मंडल के दौरे के बाद सीएम योगी राज्यपाल से मुलाकात करने पहुंचे थे। इधर सीएम योगी आदित्यनाथ दो दिवसीय दिल्ली दौरे के बाद शुक्रवार देर शाम लखनऊ वापस लौटे थे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दिल्ली प्रवास के दरम्यान उन्होंने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से भेंट की। वहीं गुरुवार को उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की थी। वैसे तो इसे औपचारिक तौर पर बताया गया था।
कहा गया था कि इन नेताओं के बीच यूपी में कोरोना प्रबंधन, मंत्रिमंडल विस्तार, प्रदेश भाजपा संगठन में फेरबदल को लेकर चर्चा हुई थी। वहीं सीएम योगी जब गुरुवार दोपहर अचानक दिल्ली के लिए रवाना हुए थे तो प्रदेश के राजनीतिक गलियारे में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया था। वहीं योगी की केंद्रीय नेताओं से भेंट के बाद से ही प्रदेश में जल्द मंत्रिमंडल विस्तार के कयास लगाए जा रहे हैं।
बताते चलें कि 19 मार्च 2017 को सरकार गठन के बाद 22 अगस्त 2019 को यूपी की योगी सरकार ने मंत्रिमंडल विस्तार किया था। उस दरम्यान मंत्रिमंडल में 56 सदस्य थे। इधर कोरोना के चलते तीन मंत्रियों का निधन हो चुका है। वहीं हाल ही में राज्यमंत्री विजय कुमार कश्यप की मौत हुई थी। बता दें कि पहली लहर में मंत्री चेतन चौहान और मंत्री कमल रानी वरुण का निधन हो गया था।
सूबे में कैबिनेट मंत्रियों की अधिकतम संख्या 60 तक हो सकती है। वहीं पहले मंत्रिमंडल विस्तार में 6 स्वतंत्र प्रभार मंत्रियों को कैबिनेट की शपथ दिलाई गई थी। जिसमें तीन नए चेहरे भी थे। कहा जा रहा है कि चुनावी साल है। इसलिए योगी सरकार कैबिनेट में कुछ नए लोगों को शामिल कर प्रदेश के सियासी समीकरण को साधने का दांव चल सकती है।
माना जा रहा है कि कोरोना महामारी में सिस्टम की नाकामी से उपजे असंतोष और पंचायत चुनाव में मिली हार ने भाजपा की चिंताएं बढ़ा रखी है। ऐसे में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टी ने समीकरण साधने शुरू कर दिए है। क्योंकि अब सूबे के विधानसभा चुनाव में महज आठ महीने का ही शेष है।