इंजीनियर, माॅडल, डिप्टी एसपी और असिस्टेंट कमिश्नर के बाद आखिर ये है मयंक की असली मंजिल

टीम भारत दीप |

मयंक तिवारी
मयंक तिवारी

अगर आप मयंक को सिर्फ पीसीएस अधिकारी मान कर चल रहे हैं, तो जरा ठहरिए। उनके करियर के कई और भी किरदार हैं, जिसमें वे अपनी धाक जमा चुके हैं।

करियर डेस्क। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने शुक्रवार को अपनी 2018 की पीसीएस परीक्षा का परिणाम घोषित किया। इसके सफल अभ्यर्थियों में एक नाम है, उन्नाव के मयंक तिवारी का। 

मयंक 2017 की पीसीएस परीक्षा में डिप्टी एसपी के पद पर चयनित हो चुके हैं। उसकी ट्रेनिंग पर जाने ही वाले थे कि दूसरी परीक्षा का भी परिणाम आ गया, इसमें वे असिस्टेंट कमिश्नर के पद पर चयनित हुए हैं। 

अपने मेडेन अटेम्प्ट में लगातार दो पीसीएस परीक्षाएं पासकर मयंक तिवारी ने कीर्तिमान रच दिया है। लेकिन अगर आप मयंक को सिर्फ पीसीएस अधिकारी मान कर चल रहे हैं, तो जरा ठहरिए। उनके करियर के कई और भी किरदार हैं, जिसमें वे अपनी धाक जमा चुके हैं। 

उन्नाव के सोहरामऊ के रहने वाले मयंक जब स्कूल में थे तो माॅडल बनने का सपना हमेशा उनकी आखों में रहा। अवध काॅलिजिएट लखनऊ में स्कूलिंग के दौरान रैंप पर कैटवाॅक के बाद फैशन वल्र्ड में छा जाने का ख्वाब देखने लगे। 

इधर मां मिथिलेश तिवारी और पिता विमलेश तिवारी का सपना रहा कि बेटा पढ़-लिखकर इंजीनियर बन जाए। इस पर मयंक ने माता-पिता का सपना पूरा करने के लिए गाजियाबाद के एबीईएस इंजीनियरिंग कालेज में दाखिला ले लिया। 

कालेज में माॅडलिंग के सपने परवान नहीं चढ़ सके लेकिन आईटी इंजीनियर बनकर टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज में पहुंचे मयंक को यहां अपना सपना साकार करने का मौका मिला। मयंक बताते हैं कि टीसीएस में वे अपने माॅडलिंग के जुनून को असल में जी पाए। 

बैंक की नौकरी और डिप्टी एसपी

टीसीएस से मयंक का चयन बैंक  में आईटी मैनेजर के पद पर हुआ और उनको यूपी के रायबरेली में पोस्टिंग मिली। वर्तमान में वे बैंक में ही सेवाएं दे रहे हैं। मयंक की पत्नी प्रियाशूं भी केनरा बैंक में मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं।

मयंक बताते हैं कि बैंक की नौकरी के दौरान ही कुछ ऐसी परेशानी आईं कि उन्होंने अधिकारी बनने का निश्चय कर लिया। इस प्रकार माॅडलिंग में करियर का सपना देख रहे इंजीनियर की लाइन एडमिनिस्ट्रेशन की ओर मुड़ गई।

बैंक की करीब 8 घंटे की नौकरी के साथ ही मयंक ने तैयारी शुरू की और रात-दिन जी तोड़ मेहनत के बाद यह भी संभव कर दिखाया। 2017 में अपने पहले प्रयास में मयंक का यूपी पीसीएस में डिप्टी एसपी के पद पर चयन हुआ। 

मयंक बताते हैं कि इस दौरान उनका स्वास्थ्य भी प्रभावित हुआ लेकिन उनके जुनून के आगे सब बेबस रहा। 

माॅडलिंग से युवाओं के रोल माॅडल

मयंक तिवारी खुद माॅडल होने के साथ अब युवाओं के रोल माॅडल भी हैं। वे डिप्टी एसपी के लिए ट्रेनिंग पर जाने की तैयारी कर ही रहे थे कि 2018 की पीसीएस परीक्षा का परिणाम भी आ गया है। इसमें वे असिस्टेंट कमिश्नर वाणिज्य कर के पद चयनित हुए हैं। 

अपनी दो लगातार सफलताओं से वे उत्साहित हैं और अब उनका सपना संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में सफलता के परचम लहराने का है। इसके लिए वे तैयारी भी कर रहे हैं। वे कहते हैं कि मंजिल अभी अधूरी है, जब तक फोड़ेंगे नहीं, जब तक छोड़ेंगे नहीं। 

वही सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर युवाओं के लिए मयंक कहते हैं कि द्ढ़संकल्प ही वह मूल मंत्र है जो बड़ी से बड़ी चट्टान को भी डिगा सकता है। इसलिए जो पाना है उसके लिए जी जान से जुट जाओ।


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