69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती: योगी सरकार ने शेष 4000 पदों पर किया भर्ती का ऐलान

टीम भारत दीप |

न्याय विभाग के परामर्श का इंतजार कर रहे हैं।
न्याय विभाग के परामर्श का इंतजार कर रहे हैं।

इस बाबत मंगलवार को बापू भवन में प्रदेश के बेसिक शिक्षा राज्‍य मंत्री स्‍वतंत्र प्रभार डॉ सतीश चंद्र दिवेदी ने बताया कि अनुसूचित जनजाति के 1133 पदों को उसी वर्ग के अभ्‍यर्थियों की अनुपलब्‍धता के चलते अनुसूचित जाति के अभ्‍यर्थियों से भरा जाएगा।

लखनऊ। सूबे की योगी सरकार अपने मिशन रोजगार के अन्तर्गत उन चार हजार पदों भर्ती करने जा रही है। जिसको लेकर पेंच फंस गया था। दरअसल मंगलवार को सरकार ने ऐलान करते हुए कहा कि 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती में लगभग चार हजार रिक्‍त पदों को मेरिट लिस्‍ट के आधार पर भरा जाएगा।

बताया गया कि इसमे सरकार आरक्षण के नियमों का पालन करेगी। इस बाबत मंगलवार को बापू भवन में प्रदेश के बेसिक शिक्षा राज्‍य मंत्री स्‍वतंत्र प्रभार डॉ सतीश चंद्र दिवेदी ने बताया कि अनुसूचित जनजाति के 1133 पदों को उसी वर्ग के अभ्‍यर्थियों की अनुपलब्‍धता के चलते अनुसूचित जाति के अभ्‍यर्थियों से भरा जाएगा।

मंत्री सतीश द्विवेदी ने कहा कि 1.25 लाख भर्ती हमारे विभाग ने की है। हम न्याय विभाग के परामर्श का इंतजार कर रहे हैं। हमारे यहां विद्यार्थी और शिक्षक का अनुपात बढ़िया है। बताया गया कि इन भर्तियों को लेकर न्‍याय विभाग से परामर्श मांगा जा रहा है। न्‍याय विभाग से परामर्श मिलने के बाद ही जल्द ही भर्ती की कार्यवाही शुरू कर दी जाएगी।

69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती के पूरे मामले को यूं समझें

दरअसल साल 2018 दिसंबर में योगी सरकार ने सरकारी प्राइमरी स्कूलों में 69 हजार सहायक अध्यापकों के पद पर भर्ती निकाली थी। इन पदों पर भर्ती के लिए जनवरी 2019 में परीक्षाएं आयोजित हुई जिसमें लगभग चार लाख अभ्यर्थी शामिल हुए। परीक्षा के अगले दिन शासन ने परीक्षा के लिए मिनिमम मार्क्स तय कर दिए।

जिसमें सामान्य वर्ग के लिए 65 फीसदी और आरक्षित वर्ग के लिए 60 फीसदी अंक तय हुए। 69 हजार शिक्षक भर्ती परीक्षा से पहले 68,500 पदों के लिए सहायक अध्यापकों की भर्ती परीक्षा हुई थी। इसमे पास होने के लिए आरक्षित वर्ग के लिए 40 और सामान्य वर्ग के लिए 45 प्रतिशत का कट ऑफ तय किया गया था।

जिसे बढ़ाकर सामान्य वर्ग के लिए 65 और आरक्षित वर्ग के लिए 60 फीसदी अंक कर दिए गए थे। इसी को लेकर शिक्षामित्र और कुछ अन्य अभ्यर्थी हाइकोर्ट गए चले। उनके मुताबिक परीक्षा के बाद न्यूनतम अंक तय करना गलत है। कुछ अभ्यर्थी 40 और 45 फीसदी न्यूनतम अंक निर्धारित करने की मांग कर रहे थे।

फिर रामशरण मौर्य बनाम राज्य सरकार मामले में हाईकोर्ट ने 29 मार्च को राज्य सरकार के पक्ष में फैसला सुना दिया। भर्ती के लिए योगी सरकार को हाईकोर्ट से 3 महीने का समय दिया गया। हाईकोर्ट के फैसले के विरोध में कुछ शिक्षामित्र सुप्रीम कोर्ट गए। सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षक भर्ती की 3 जून से 6 जून तक होने वाली काउंसलिंग पर रोक लगाई।

फिर सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षामित्रों की अपील पर 9 जून 2020 को मामले में सुनवाई की। बताया गया कि कोर्ट ने 69 हजार में से 37,339 पदों को होल्ड कर दिया और अन्य 31,661 पदों पर भर्ती करने का आदेश दे दिया। जिसके बाद राज्य सरकार ने 24 सितंबर को आदेश जारी करते हुए 31,661 पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए।

लेकिन एससी वर्ग में कम अभ्यर्थी पात्र होने के कारण केवल 31,277 पदों पर ही चयन प्रक्रिया की जा रही है।


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