यूपी:दिव्यांगजनों को लोन देगी योगी सरकार,इन नियमों का करना होगा पालन
इस योजना के अन्तर्गत कोई भी दिव्यांगजन दुकान निर्माण के लिए 10 हजार का लोन ले सकता है। बताया गया कि इसके लिए उसे नाम, पता और आधार सहित आठ कागजात जमा करने पड़ेगा। वहीं योजना के तहत उन्हें 10 हजार में 2500 रुपए की मिलेगी। बताया गया कि चार फीसदी ब्याज पर यह लोन दिया जाएगा। बताया गया कि अप्लाई करने के लिए वेबसाइट यूपीएसडीसी के अन्तर्गत जारी किए गए है।
लखनऊ। यूपी में दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकार के तहत वित्तीय वर्ष 2020-21 में दुकान निर्माण संचालन के लिए लोन देने की योजना शुरू हो गई है। बताया गया कि इस योजना के अन्तर्गत कोई भी दिव्यांगजन दुकान निर्माण के लिए 10 हजार का लोन ले सकता है। बताया गया कि इसके लिए उसे नाम, पता और आधार सहित आठ कागजात जमा करने पड़ेगा।
वहीं योजना के तहत उन्हें 10 हजार में 2500 रुपए की मिलेगी। बताया गया कि चार फीसदी ब्याज पर यह लोन दिया जाएगा। बताया गया कि अप्लाई करने के लिए वेबसाइट यूपीएसडीसी के अन्तर्गत जारी किए गए है। इस पर जाकर आप आवेदन कर सकते हैं। बताया गया कि योगी सरकार यह ऋण योजना हर जिले में जिला अधिकारी के माध्यम से नगर निगम परिक्षेत्र में चला रही है।
जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी,लखनऊ कमलेश कुमार वर्मा के मुताबिक समस्त दिव्यांगजनों को सूचित किया जाता है कि कार्यालय, जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी लखनऊ में वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए दुकान निर्माण संचालन ऋण योजनान्तर्गत आवदेन पत्र स्वीकार किये जा रहे है।
बताया गया कि दिव्यांगजन विभागीय पोर्टल http://divyangjandukan.upsdc.gov.in पर उपलब्ध विकल्प में जाकर निर्धारित प्रारूप पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते है। यह भी बताया गया कि आवेदन पत्र साइबर कैफे, निजी इण्टरनेट केन्द्र, लोकवाणी के माध्यम से स्थापित जनसुविधा केन्द्रों आदि के माध्यम से किया जा सकेगा।
ये कागजात होंगे जरूरी
इस योजना के बाबत बताते हुए कहा गया है कि इसके लिए जिन अर्हताओं की जरूरत होगी उसमें आवेदक के जनपद का निवासी होना,दिव्यांगता 40 प्रतिशत से कम न होना,यूपी का स्थाई निवासी या कम से कम पांच वर्ष से उसका अधिवासी होना,किसी आपराधिक मामले में दण्डित न किया गया हो, एवं उसके द्वारा पूर्ण में कोई ऋण बकाया न होना आदि शामिल है।
इसके साथ ही उक्त की आयु 18 वर्ष से कम तथा 60 वर्ष से अधिक न हो। साथ ही आय करदाता की श्रेणी में न आता हो। बताया गया है कि राष्ट्रीयकृत बैंकों में संचालित बैंक खाता सम्बन्धी बैंक पासबुक होना भी जरूरी है।