यूपी के मंत्री विधायक अफसरों के सामने के बेबस, मुख्यमंत्री से लगा रहे गुहार
सुनवाई नही होने से नाराज नेताओं ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इसकी शिकायत की है। इतना ही नहीं माननीय अपनी शिकायतें और समस्याएं आईजीआरएस पोर्टल इंटीग्रेटेड ग्रीवेंस रिड्रेसल सिस्टम पर फिर दर्ज करवा रहे हैं।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मंत्री अफसरों के सामने बेबस नजर आते है। यह हम नहीं कह रहे, बल्कि मंत्रियों और सांसदों प्रदेश के मुख्यमंत्री को लिखे गए शिकायती पत्र कह रहे है। मीडिय रिपोर्टस की मानें तो सांसद और विधायक भी अधिकारियों की कार्यप्रणाली से परेशान हैं।
सुनवाई नही होने से नाराज नेताओं ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इसकी शिकायत की है। इतना ही नहीं माननीय अपनी शिकायतें और समस्याएं आईजीआरएस पोर्टल इंटीग्रेटेड ग्रीवेंस रिड्रेसल सिस्टम पर फिर दर्ज करवा रहे हैं। इसके बाद उनकी समस्या का निदान हो रहा है।
मालूम हो कि पिछले दिनों राज्य मंत्री स्वाति सिंह की हिंद नगर कॉलोनी को नगर निगम को हैंडल करने के संबंध में एक शिकायत आईजीआरएस पर दर्ज हुई थी। इस संबंध में 2 मार्च को विशेष सचिव आवास रणविजय सिंह ने एलडीए से रिपोर्ट मांगी है।
इसी तरीके से लखनऊ से मोहनलालगंज सीट से सांसद कौशल किशोर की शिकायत भी इस पोर्टल पर दर्ज है। उन्होंने वास्तु खंड गोमती नगर कि छेदाना को रोजी-रोटी के लिए मिले जो चबूतरे की रजिस्ट्री कराने के संबंध में सीएम को लेटर लिखा है, उनकी शिकायत भी गजट 21 जनवरी को पोर्टल दर्ज की गई थी।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने आईजीआरएस पोर्टल पर कुछ माननीयों की शिकायतें दर्ज करवा दी हैं। हालांकि इसका उन्हें फायदा भी हुआ है। माननीय को जिन कामों के लिए परेशानी होती थी।
वह आसानी से हो जा रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले दिनों अधिकारियों के निर्देश दिया था कि माननीयो के काम वक्त पर किया जाए, लेकिन इसके बावजूद उनके कामों में लेटलतीफी की जा रही है।
आइजीआरएस पोर्टल की बात करें तो इस पोर्टल पर न सिर्फ माननीय बल्कि आम जनता भी शिकायत दर्ज करा सकती है। इसके लिए jansunwai.up.nic.in पर जाना होगा। इसके क्लिक करते ही शिकायत का एक पोर्टल खुल जाएगा।
वहां कोई भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है। मालूम हो कि इस पोर्टल पर शिकायत की लगातार मॉनिटरिंग होती है, इतना ही नहीं निस्तारण हो जाने पर यदि कोई संतुष्ट नहीं है तेरी उसकी शिकायत बरकरार रहती है, फिर से समस्या निस्तारित की जाती है। इसलिए सारे मंत्री विधायक अधिकारियों से न उलझते हुए सीधा पोर्टल पर अपनी शिकायते दर्ज करा रहे है। क्योंकि पोर्टल की रिपोर्ट सीधे मुख्यमंत्री के पास जाती है।