सिविल सेवा परीक्षा टालने से यूपीएससी ने खड़े किए हाथ, सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई 30 सितंबर को
न्यायमूर्ति एएम खानविल्कर की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने यूपीएससी से कहा कि वह इस तथ्य को हलफनामे में रखे और 29 सितंबर तक हलफनामा दाखिल करें।
नई दिल्ली। संघ लोक सेवा आयोग ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि सिविल सेवा प्रारंभिक 2020 को स्थगित करना असंभव है। यूपीएससी ने शीर्ष अदालत को बताया कि परीक्षा के लिए सभी लॉजिस्टिकल व्यवस्था पहले ही की जा चुकी है। अब इस मामले में अगली सुनवाई 30 सितंबर को होगी।
न्यायमूर्ति एएम खानविल्कर की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने यूपीएससी से कहा कि वह इस तथ्य को हलफनामे में रखे और 29 सितंबर तक हलफनामा दाखिल करें।
बता दें कि सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा 4 अक्टूबर को होनी है। इसे स्थगित करने को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में दायर एक याचिका पर आज कुछ देर के लिए सुनवाई हुई। जिसमें यूपीएससी की तरफ से कहा गया कि प्रारंभिक परीक्षा में कई महत्वपूर्ण सेवाओं के लिए भर्ती प्रक्रिया शामिल है, इसलिए इसे और स्थगित नहीं किया जाना चाहिए।
दरअसल, शीर्ष अदालत में दायर याचिका में कोरोना वायरस की वजह से पैदा हुई स्थिति के चलते यूपीएससी सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2020 को स्थगित करने की मांग की गई थी। पिछली सुनवाई में शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वकील आलोक श्रीवास्तव से कहा था कि वे याचिका की एक प्रति यूपीएससी और केंद्र को दें।
इस साल सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा में करीब 6 लाख उम्मीदवारों के शामिल होने की उम्मीद है। यह परीक्षा देश के 72 शहरों में विभिन्न केंद्रों पर आयोजित की जाएगी। पहले यह परीक्षा 31 मई को होनी थी लेकिन कोविड -19 के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था। बाद में परीक्षा की नई तारीख 4 अक्टूबर घोषित की गई थी।