भारत में कोरोना वायरस की वैक्सीन तैयार, मानव परीक्षण को मिली मंजूरी

टीम भारत दीप |
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सांकेतिक तस्वीर
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देश में अबतक 548318 लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि, संक्रमण से 16 हजार लोगों की जान जा चुकी है

हैदराबाद। भारत सहित पूरी दुनिया के लिए यह खबर बहुत ही खास है। दअरसल भारत ने कोविड—19 टीके को बनाने की बड़ी कामयाबी हासिल की है और इसे भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने मानव पर परीक्षण के लिए मंजूरी भी दे दी है। सब कुछ सही रहा तो भारत इस क्षेत्र में बहुत बड़ी सफलता हासिल कर लेगा। इससे भारत का कद पूरे विश्व में भी बढ़ेगा। 

'कोवैक्सिन' नामक टीके का विकास भारत बायोटेक ने भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) के साथ मिलकर विकसित किया है। देश में अगले महीने से इस टीके का पहले और दूसरे चरण का परीक्षण शुरू होगा। कंपनी ने एक बयान में कहा कि टीके के विकास में आईसीएमआर और एनआईवी का सहयोग महत्वपूर्ण रहा।
वैक्सीन का मानव परीक्षण जुलाई में होगा शुरू वैक्सीन का मानव परीक्षण जुलाई 2020 में शुरू हो जाएगा।

पूरी दुनिया में चल रही कोशिश
भारत में कोविड-19 वैक्सीन का निर्माण करने वाली ये कंपनी भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) के सहयोग से ये टीका तैयार करने के प्रयासों में लगी है। SARS-CoV-2 तनाव को NIV, पुणे में अलग कर दिया गया और भारत बायोटेक में स्थानांतरित कर दिया गया। भारत बायोटेक द्वारा स्वदेशी, निष्क्रिय टीका विकसित और निर्मित किया जा रहा है। भारत बायोटेक के चेयरमैन व एमडी डॉ. कृष्णा ईल्ला ने कहा, 'हमें कोविड-19 के भारत के पहले स्वदेशी वैक्सीन कोवाक्सिन की घोषणा करते हुए गर्व हो रहा है। इसे तैयार करने में आइसीएमआर और एनआइवी का सहयोग उल्लेखनीय रहा। सीडीएससीओ के सक्रिय दृष्टिकोण से इसके परीक्षण की मंजूरी मिलने में सहायक रहा।' कोविड-19 की वैक्सीन तैयार करने के लिए पूरी दुनिया में कोशिशें चल रही हैं। अभी तक किसी को सफलता नहीं मिली है। हालांकि, कुछ कंपनियों वैक्सीन के मानव परीक्षण के चरण में पहुंच गई हैं।

पूरे भारत में होगा ह्यूमन क्लीनिकल ट्रायल
इसके पहले कंपनी ने प्री-क्लीनिकल स्टडीज के नतीजे सरकारी संस्‍थानों को सौंपे थे। ह्यूमन क्लीनिकल ट्रायल पूरे भारत में शुरू किए जाएंगे। डॉ. कृष्णा एला ने कहा कि हमारे आर एंड डी और विनिर्माण टीमों ने प्रौद्योगिकियों की तैनाती में अथक परिश्रम किया। राष्ट्रीय प्रोटोकॉल्स से गुजरते हुए कंपनी ने व्यापक प्री-क्लीनिकल अध्‍ययनों को पूरा करने में अपने तेजी से काम किया जिनके नतीजे भी शानदार रहे हैं।

तेजी से फैल रहा संक्रमण
बता दें कि अब तक कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिए किसी भी प्रकार की वैक्सीन का आविष्कार नहीं हो पाया है। वहीं कोरोना का संक्रमण तेजी से फैलता जा रहा है। देश में अबतक पांच लाख से ज्यादा लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। देश में अबतक 548318 लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। जिसमें से अबतक तीन लाख से ज्यादा का इलाज सफल रहा हैं, वहीं दो लाख से ज्यादा संक्रमित अपना इलाज करवा रहे हैं। कोरोना से अबतक देश में 16 हजार लोगों की जान जा चुकी है।


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