विद्या बालन ने ठुकरा दिया मंत्रीजी का डिनर प्रस्ताव तो पड़ गया शूटिंग में खलल, जानें पूरा मामला
फिल्म ‘शेरनी’ की शूटिंग के लिए प्रोडक्शन यूनिट के साथ 8 नवंबर को बालाघाट पहुंचीं बॉलीवुड अभिनेत्री विद्या बालन को वन मंत्री विजय शाह ने डिनर का न्योता दे दिया। विद्या ने डिनर में शामिल होने में असमर्थता जता दी। बताया जाता है कि इसका असर यह हुआ कि दूसरे दिन बालाघाट साउथ के डीएफओ जीके बरकड़े ने यह कहकर प्रोडक्शन यूनिट की गाड़ियां रोक दीं कि सिर्फ दो ही गाड़ी को प्रवेश की अनुमति है।
बालाघाट। बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री विद्या बालन ने कभी नहीं सोचा होगा कि सत्ता की हनक में चूर मंत्रीजी के डिनर के प्रस्ताव को ठुकराना उन्हें महंगा पड़ जाएगा और उनकी शूटिंग में ही खलल पड़ जाएगा । दरअसल यह वाकया मध्य प्रदेश के बालाघाट में घटित हुआ है।
जानकारी के मुताबिक फिल्म ‘शेरनी’ की शूटिंग के लिए प्रोडक्शन यूनिट के साथ 8 नवंबर को बालाघाट पहुंचीं बॉलीवुड अभिनेत्री विद्या बालन को वन मंत्री विजय शाह ने डिनर का न्योता दे दिया। विद्या ने डिनर में शामिल होने में असमर्थता जता दी।
बताया जाता है कि इसका असर यह हुआ कि दूसरे दिन बालाघाट साउथ के डीएफओ जीके बरकड़े ने यह कहकर प्रोडक्शन यूनिट की गाड़ियां रोक दीं कि सिर्फ दो ही गाड़ी को प्रवेश की अनुमति है। हालाँकि मामला जब शासन स्तर तक पहुंचा तो आनन-फानन में सारी गाड़ियों को प्रवेश दिलाया गया।
इस बात को लेकर जब मुख्य वन संरक्षक, बालाघाट सर्किल नरेंद्र कुमार सनोडिया से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि विद्या बालन हर दिन गोंदिया से आती थीं जब मंत्री जी से मुलाकात हुई, मैं उनके साथ था। लेकिन डिनर का जहां तक सवाल है तो ऐसी कोई जानकारी मुझे नहीं है।
उनके मुताबिक दूसरे दिन डीएफओ की तरफ से कुछ गाड़ियों के रोके जाने का मसला था। इस पर पीएस ने फोन करके डीएफओ को कहा कि प्रदेश में फिल्म की शूटिंग कम ही होती है। ऐसे काम रोकोगे या व्यवधान करोगे तो प्रदेश की बदनामी होगी।
जिसके उपरान्त शूटिंग निर्बाध रूप से चली। उनके मुताबिक विद्या बालन रोजाना 40 किमी दूर गोंदिया से आती थीं। भरवेली खदान के रेस्ट हाउस में वन मंत्री ने ही लंच शाम को किया और मुलाकात करने पहुंचे थे।
छह तारीख से 10 नवंबर तक मैं मंत्री जी के साथ था। इधर बताया जाता है कि जानकारी शासन तक पहुंचते ही हड़कंप मचा गया, बाद में शूटिंग शुरू करवाई गई। फिल्म प्रोडक्शन यूनिट ने 20 अक्टूबर से 21 नवंबर तक शूटिंग की स्वीकृति ली थी।
इसी बीच वन मंत्री ने विद्या बालन से मिलने की इच्छा बताई। आठ नवंबर को सुबह 11 से 12 बजे तक का समय तय हुआ। इसके बाद शाम 4 बजे वन मंत्री को बालाघाट से महाराष्ट्र के ताडोबा अंधारी टाइगर रिजर्व जिला चंद्रपुर के लिए जाना था।
ताडोबा में ही उनका रात्रि विश्राम था, लेकिन वे भरवेली खदान के रेस्ट हाउस में रुक गए। शाम को पांच बजे वे विद्या बालन से मिलने पहुंचे और मुलाकात के बाद डिनर साथ करने की इच्छा जताई। चूंकि विद्या बालन गोंदिया में रुकी हुई थीं, लिहाजा उन्होंने डिनर के लिए इनकार कर दिया था।
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